Angarki Sankashti Chaturthi 2021 Messages in Hindi: आज (2 मार्च 2021) अंगारकी संकष्टी चतुर्थी (Angarki Sankashti Chaturthi) मनाई जा रही है. दरअसल, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी (Dwijapriya Sankashti Chaturthi) के नाम से जाना जाता है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. मंगलवार को यह पावन तिथि पड़ी है, इसलिए इसे अंगारकी संकष्टी चतुर्थी कहा जा रहा है. अंगारकी चतुर्थी का सीधा संबंध मंगल ग्रह से है, जिसे ताकत का प्रतीक माना जाता है. अंगारकी संकष्टी चतुर्थी पर प्रथम पूजनीय भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है. इसके साथ ही इस व्रत के प्रभाव से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.
मंगलवार को पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी यानी अंगारकी संकष्टी चतुर्थी गणेश भक्तों के लिए बेहद विशेष मानी जाती है. इस खास अवसर पर तमाम गणेश भक्त एक-दूसरे को बधाई भी देते हैं. आप भी इस खास अवसर पर गणपति बप्पा के भक्तिमय मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, कोट्स, ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस के जरिए अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को अंगारकी संकष्टी चतुर्थी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- गणेश जी का रूप निराला है,
चेहरा भी कितना भोला भाला है,
जिस पर भी आती है कोई मुसीबत,
उन्हें गणपति बप्पा ने ही तो संभाला है.
जय श्री गणेशा…
अंगारकी संकष्टी चतुर्थी की शुभकामनाएं
2- धरती पर बारिश की बूंदे बरसे,
आप के ऊपर अपनों का प्यार बरसे,
गणेशजी से बस यही दुआ है,
आप खुशी के लिए नहीं,
खुशी आप के लिए तरसे...
अंगारकी संकष्टी चतुर्थी की शुभकामनाएं
3- भगवान श्री गणेश की कृपा,
बनी रहे आप पर हर दम,
हर कार्य में सफलता मिले,
जीवन में न आए कोई गम...
अंगारकी संकष्टी चतुर्थी की शुभकामनाएं
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4- गणपति जी का सर पे हाथ हो,
हमेशा उनका साथ हो,
खुशियों का हो बसेरा,
करें शुरुआत बप्पा के गुणगान से,
मंगल फिर हर काम हो.
अंगारकी संकष्टी चतुर्थी की शुभकामनाएं
5- करके जग का दूर अंधेरा,
आई सुबह लेकर खुशियां साथ,
गणपति जी की होगी कृपा,
है सब पर उनका आशीर्वाद.
अंगारकी संकष्टी चतुर्थी की शुभकामनाएं
अंगारकी संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भगवान गणपति का ध्यान करना चाहिए. इसके बाद विधि-विधान से गणेश जी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. पूजन के दौरान भगवान गणेश को दूर्वा, लाल रंग के पुष्प, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, मोदक और लड्डूओं का भोग अर्पित करना चाहिए. रात में चंद्रमा के उदय होने के बाद चंद्र देव को अर्घ्य देकर इस व्रत को पूर्ण करना चाहिए.