जीवन में भूलकर भी न करें ऐसी गलतियां, नहीं तो हो जाएंगे कंगाल, जाने क्या करें कि लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी
सोना (Photo Credits: Pixabay)

कभी-कभी जेब पर भारी पड़ सकती है. आज जब हर व्यक्ति अपने भविष्य को सुधारने के लिए कड़े परिश्रम करता है कि चार पैसे ज्यादा कमा लेगा. किसी अनजानी गल्तियों से आय कम हो जाती है तो उसके सारे मंसूबो पर पानी फिर जाता है. अगर हम ऐसी गल्तियों अथवा भूलों को सुधार लें तो आर्थिक संकटों से पार पा सकते हैं. अब प्रश्न उठता है कि आखिर वह कौन-सी गल्तियां हैं जो हम जाने अनजाने कर बैठते हैं! क्या हम इन गल्तियों अथवा भूलों पर अंकुश रख सकते हैं, ताकि घर पर आई लक्ष्मी को वापस जाने से रोक सकें?

गरीबों एवं साधू-संतों का निरादर करने से लक्ष्मी रूठ जाती हैं

हमारे देश में साधु-संतों को देव समान पूजने की परंपरा है, मान्यता है कि गरीबों की मदद करने से आपकी आय में दस गुना वृद्धि होती है. भविष्य पुराण में भी वर्णित है कि जिन घरों से ब्राह्मण और गरीब भूखे पेट वापस लौट जाएं तो उस घर में लक्ष्मी ज्यादा दिन नहीं टिकती हैं. इसलिए घर आये याचक अथवा ब्राह्मण को निराश नहीं लौटाना चाहिए. उसे अपनी सामर्थ्यनुसार भोजन करवाकर ही भेजना चाहिए.

सूर्योदय के बाद अथवा सुर्यास्त के समय सोने से बचें

हमारे धार्मिक ग्रंथों में स्पष्ट रूप से लिखा है कि सूर्योदय के साथ ही बिस्तर छोड़ देना चाहिए. इससे घर में बरक्कत होती है, लक्ष्मी की कृपा बरसती है, लेकिन जिन घरों में सूर्योदय के बाद भी देर तक लोग सोते हैं अथवा सूर्यास्त के समय भी नींद में डूबे रहते हैं, ऐसे घरों में दरिद्रता का वास होता है. वहां की खुशियां एवं शांति खत्म हो जाती है. कमाई का ज्यादा हिस्सा बीमारियों का इलाज करने खर्च हो जाता है. ऐसे घरों में लक्ष्मी भी वास नहीं करतीं.

ऐसे करें घर की साफ-सफाई

स्वच्छ एवं शांतिपूर्ण घरों में लक्ष्मी वास करती हैं. इसीलिए दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा से पूर्व हर घरों की साफ-सफाई की जाती है. लेकिन इसके साथ यह भी जानना जरूरी है कि आप घर की साफ-सफाई कैसे करते हैं, इससे भी आपकी कमाई प्रभावित होती है. कुछ लोग पहले घर के अंदर की सफाई करने के पश्चात बाहर की सफाई करते हैं, वास्तु के हिसाब से यह तरीका गलत है. घर की साफ-सफाई हमेशा बाहर से अंदर की ओर करना चाहिए.

अस्त होते सूर्य या चांद का दर्शन करने से बचें

कहा जाता है कि अस्त होते सूर्य अथवा चंद्रमा का नियमित दर्शन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति विशेष आये दिन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझता रहता है और उसकी कमाई का ज्यादा हिस्सा दवा और इलाज पर खर्च हो जाता है. इस तरह व्यक्ति का विकास थम जाता है. वेद-पुराणों में सूर्योदय के समय सूर्य को जल का अर्घ्य देने की जो व्याख्या की गयी है, उसके पीछे ध्येय यही है कि इस तरह हम उगते सूर्य का दर्शन कर सकें.

रविवार को कांस्य के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए

सूर्य देवता को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है. रविवार का दिन सूर्य भगवान को समर्पित होता है. इसलिए इस दिन कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. रविवार के दिन कांस्य के बने बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए, कहते हैं कि इससे परिवार की मान-मर्यादा प्रभावित होती है.

दरवाजे-खिड़कियां कुछ समय के लिए जरूर खोलें

घर में धन की देवी लक्ष्मी का प्रवेश मुख्यद्वार से ही होता है, ऐसे में मुख्यद्वार की नियमित साफ-सफाई जरूर होनी चाहिए. इसके साथ ही घर के सभी दरवाजे एवं खिड़कियों को कुछ समय के लिए ही सही जरूर खोलें, ताकि अगर नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश कर भी गयी हैं तो उसे बाहर निकाला जा सके. खिड़की दरवाजे खुले होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा भी प्रवेश करती है.

संध्याकाल में शारीरिक संबंध नहीं बनाएं

हमारे धार्मिक शास्त्रों में उल्लेखित है कि संध्याकाल में मनुष्य को शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए. क्योंकि मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति विशेष को निरंतर आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वास्तु शास्त्रियों का तो यहां तक कहना है कि संध्याकाल में शारीरिक संबंध बनाने वाले को मृत्यु के पश्चात भी कष्ट भोगना पड़ता है.

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महिलाओं का सम्मान करना चाहिए

शिव पुराण में वर्णित है कि पुरुषों को कभी भी स्त्रियों पर बुरी नजर नहीं डालनी चाहिए, ना ही घर अथवा बाहर की महिलाओं के साथ अपशब्द अथवा अभद्रता के साथ पेश आनी चाहिए. जिस घर में स्त्री का अपमान होता है वहां लक्ष्मी का वास नहीं होता है. महिलाओं का सम्मान नहीं करने वाले पुरुष कभी भी तरक्की नहीं करते.

घर के हर हिस्से में नियमित धूप-दीप दिखाना चाहिए

जहां हम रहते हैं, वहां नियमित ईश्वर की पूजा होनी चाहिए. दोनों समय नहीं तो एक समय जरूर पूजा-अर्चना होनी चाहिए. धूप-दीप प्रज्जवलित होते रहने से नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं कर पातीं. ऐसे ही घरों में लक्ष्मी निवास करती हैं. कहा जाता है कि प्रातःकाल के समय स्नान करने के पश्चात घर के प्रत्येक हिस्से में कपूर जलाएं, जिसका धुआं पूरे घर में फैले. इससे घर में बरक्कत होती है. सुख, शांति और समृद्धि आती है.

बंद नल से पानी नहीं रिसना चाहिए

वास्तु के अनुसार घर में बंद नल से पानी रिसना नहीं चाहिए. यह बेवजह पैसा खर्च होने का संकेत होता है. नल से रिसते पानी को फालतू बहने से रोकना चाहिए, कहते हैं कि इससे चंद्रमा का दोष भी मिटता है.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.