सोल, 17 अक्टूबर : एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि दक्षिण कोरिया में पिछले साल 3,600 से अधिक लोगों की मौत अकेलेपन के कारण हुई. इनमें से अधिकांश मध्यम आयु वर्ग और वृद्ध पुरुष थे. योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के आंकड़े बताते है कि 2023 में अकेलेपन से होने वाली मौतों की संख्या 3,661 हो गई, जो पिछले वर्ष 3,559 थी.
यह आंकड़ा दर्शाता है कि पिछले वर्ष दक्षिण कोरिया में हर 100 मौतों में से 1.04 मौतें अकेलेपन के कारण हुई. कोरियाई भाषा में कोडोस्का (अकेलेपन से मौत) वो स्थिति होती है जब कोई इंसान अकेलेपन की वजह से मौत को गले लगा लेता है. वह शख्स सामाजिक तौर पर लोगों से कट जाता है या फिर उम्र संबंधी बीमारी का शिकार हो आत्महत्या कर लेता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के कल्याण अधिकारी नोह जंग-हून ने कहा, ''ऐसा लगता है कि 20 और 30 की उम्र के लोगों में अकेलेपन से होने वाली मौत, नौकरी पाने में विफलता या नौकरी से निकाल दिए जाने के कारण होती हैं.'' यह भी पढ़ें : क्या सभी मुफ्त की सरकारी योजनाएं बंद हो जाएंगी? सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई एक और चायिका
उन्होंने कहा, "हम ऐसे लोगों के लिए उन संगठनों तक पहुंच बनाने की योजना बना रहे हैं जो लोगों को नौकरी दिलाने में मदद करते है. साथ ही उनके स्वास्थ्य की स्थिति को सुधारने में मदद करने के उपाय भी करते हैं.'' मौतों के आंकड़ों की बात करें तो 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में 1,146 मामले सामने आए, 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में 1,097 और 40 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में 502 मामले सामने आए.
रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि पुरुषों की संख्या अकेलेपन के कारण होने वाली कुल मौतों में 84.1 प्रतिशत है, जो महिलाओं की संख्या से काफी अधिक है. इस बीच, 2023 में अकेलेपन के कारण होने वाली कुल मौतों में आत्महत्या करने वालों की संख्या 14.1 प्रतिशत थी, जो 2021 में 17.3 प्रतिशत से थोड़ी कम है. हालांकि 2022 में आत्महत्या करने वालों की दर 59.5 फीसदी था और 2023 में ये दर 71.7 प्रतिशत था. इनकी उम्र 20 वर्ष से ऊपर थी.