Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी का दिन अबूझ मुहूर्त क्यों होता है? जानें अबूझ मुहूर्त का महत्व इत्यादि!
Basant Panchami 2024

हिंदू पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती और कामदेव की भी पूजा की जाती है. इस दिन से होली का पर्व शुरू हो जाता है. लेकिन इस दिन का एक विशेष महत्व यह भी है कि ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, और इस दिन बिना किसी पंचांग में शुभ मुहूर्त निकाले विवाह करना शुभ होता है. यही वजह है कि इस दिन हिंदू घरों में असंख्य शादियां सम्पन्न होती हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि जिनकी शादियों में किसी तरह की दिक्कतें आ रही होती हैं, उनके लिए बसंत पंचमी के दिन विवाह करना सफल भी होता है और उनका दांपत्य जीवन सदा सुखमय रहता है. आइये जानते हैं बसंत पंचमी पर होने वाले अबूझ मुहूर्त के बारे में कुछ रोचक जानकारियां...

बसंत पंचमी पर क्यों होता है अबूझ मुहूर्त?

ज्योतिष शास्त्रों का मानना है कि माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी की तिथि पूरे दिन सभी दोषों से मुक्त एवं श्रेष्ठ योग में होता है. इस दिन रवि योग का भी अत्यंत शुभ योग बनता है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के ही दिन भगवान शिव एवं पार्वती का तिलकोत्सव हुआ था, और उनके विवाह की तमाम रस्में शुरू हुई थी. इस दृष्टिकोण से बसंत पंचमी का दिन शादी-विवाह आदि के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है. यह भी पढ़ें : Shattila Ekadashi 2024 Wishes: षट्तिला एकादशी की इन भक्तिमय हिंदी WhatsApp Messages, Facebook Greetings, Quotes, HD Images के जरिए दें शुभकामनाएं

अबूझ मुहूर्त का महत्व

बसंत पंचमी उत्सव का संबंध उत्साह, ज्ञान प्रकाश और समृद्धि का द्योतक माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार इसी दिन से देवी सरस्वती द्वारा प्रदत्त ज्ञान की शुरुआत हो जाती है. इसी कारण बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त यानी सभी शुभ मंगल कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. हमारे शास्त्रों में पंचमी, दशमी और पूर्णिमा को पूर्णा तिथि माना जाता है. इस दिन किये गया कोई भी कार्य संपूर्ण प्रतिफल देने वाला होता है. अबूझ मुहूर्त वाले अन्य दिन हैं रामनवमी एवं अक्षय तृतीया. इन तीनों दिन किसी भी समय बिना शुभ मुहूर्त निकाले शुभ मंगल कार्य सम्पन्न किये जा सकते हैं.

बसंत पंचमी पर किन लोगों को शादी करनी चाहिए?

* बसंत पंचमी यानी माँ सरस्वती के प्राकट्य वाले दिन हर उस व्यक्ति का शादी करना शुभकारी साबित होता है, जिसकी शादी में लगातार किसी भी किस्म के अवरोध आ रहे हों. वह बसंत पंचमी, रामनवमी अथवा अक्षय तृतीया के दिन शादी कर सकते हैं, बिना मुहूर्त निकाले.

* वर-वधु पक्ष के लोग तैयार हों, लेकिन कुंडली में आवश्यक गुण नहीं मिल पा रहे हैं. वे बसंत पंचमी में निसंकोच विवाह कर सकते हैं.

* शादी की पूरी तैयारी के बावजूद शुभ मुहूर्त नहीं निकल रहा है, ऐसे कपल्स के लिए बसंत पंचमी का अबूझ मुहूर्त अति उत्तम होता है.