क्या TCS के कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी? जानें वेतन वृद्धि को लेकर मंदी से जूझ रही IT कंपनी का फैसला
टीसीएस/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Facebook)

भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी (IT Services Company), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services) यानी टीसीएस (TCS) ने इस साल अपने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने (Salary Hike) पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. चुनौतीपूर्ण वैश्विक आर्थिक माहौल और स्थिर राजस्व वृद्धि के बीच कंपनी सतर्क रुख अपनाती दिख रही है. कंपनी के पहली तिमाही के नतीजों के बाद 10 जुलाई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, TCS के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (CHRO) मिलिंद लक्कड़ (Milind Lakkad) ने कहा- 'हमने अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है और हम साल के दौरान फैसला करेंगे और जैसे ही हमें पता चलेगा, हम आपको बता देंगे.'

आमतौर पर टीसीएस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में वेतन वृद्धि लागू करती है और दूसरी तिमाही (यानी जून के अंत तक) तक कर्मचारियों की पे-स्लिप में वेतन वृद्धि का विवरण दिखाई देता है, लेकिन इस साल कंपनी इसे रोक रही है. लक्कड़ ने कथित तौर पर कहा कि यह निर्णय व्यावसायिक प्रदर्शन और व्यापक बाजार परिवेश पर निर्भर करेगा. उन्होंने आगे कहा- इसलिए यदि व्यापक आर्थिक परिवेश में सुधार होता है और परिणामस्वरूप यदि हमारा व्यवसाय बेहतर होता है तो हम निश्चित रूप से सर्वोत्तम संभव वृद्धि देंगे, जो हम आमतौर पर देते हैं.

इस साल अप्रैल में लक्कड़ ने इसी तरह की घोषणा की थी जब उन्होंने कहा था कि उस समय चल रहे टैरिफ युद्ध और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव के कारण वेतन वृद्धि को टाला जा रहा है. लक्कड़ ने कहा था- 'अनिश्चित माहौल को देखते हुए हम वेतन वृद्धि पर इस साल के दौरान फैसला लेंगे. यह किसी भी समय हो सकता है, यह व्यवसाय पर निर्भर करता है.' हालांकि, उस समय लक्कड़ ने कहा था कि वेतन वृद्धि इसी साल के भीतर होगी और इसे लेकर फैसला इसी साल लिया जाएगा.

टीसीएस ने 30 जून को समाप्त तिमाही में 12,760 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछली तिमाही से 4 प्रतिशत अधिक है. हालांकि, इसका राजस्व 1.6 प्रतिशत घटकर 63,437 करोड़ रुपए रह गया. परिचालन आय (Operating Income) में भी मामूली गिरावट आई, लेकिन मार्जिन 24.5 प्रतिशत पर स्थिर रहा. इस बीच, कंपनी द्वारा वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के नतीजों की घोषणा के बाद शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में टीसीएस के शेयरों में लगभग 2 प्रतिशत की गिरावट आई. पिछले पांच कारोबारी सत्रों में टीसीएस के शेयरों में 2.74 प्रतिशत की गिरावट आई है और पिछले एक महीने में यह 4.37 प्रतिशत नीचे है. पिछले छह महीनों में, इसके शेयरों में 22.63 प्रतिशत की गिरावट आई है. यह भी पढ़ें: TCS Tightens Bench Policy: टीसीएस ने लागू किया नया नियम! हर साल कम से कम 225 दिन की बिलिंग जरूरी, बेंच पर ज्यादा दिन बैठे तो नौकरी पर आ सकता है खतरा

हालांकि, विकास दर धीमी होने के बावजूद टीसीएस ने नियुक्तियां जारी रखी हैं. कंपनी ने इस तिमाही में 6,000 से ज्यादा कर्मचारियों को जोड़ा है, जिससे उसके कुल कर्मचारियों की संख्या लगभग 6.13 लाख हो गई है, लेकिन यह कर्मचारियों को बनाए रखने की समस्या से जूझ रही है. पिछले एक साल में इसकी आईटी सेवाओं में कर्मचारियों की संख्या में गिरावट की दर 13.8 प्रतिशत रही, जो लगभग दो वर्षों में सबसे ज्यादा है. लक्कड़ ने कहा- 'मुझे लगता है कि यह निश्चित रूप से हमारे सहज स्तर से थोड़ा ज्यादा है. 11 प्रतिशत से 13 प्रतिशत हमारी सहज सीमा है. यह उससे थोड़ा ज्यादा है, हम इसे कम करने के प्रयास जारी रखे हुए हैं.'

वरिष्ठ कर्मचारियों के लिए कई तिमाहियों में परिवर्तनीय वेतन में कटौती के बाद वेतन वृद्धि को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. मई 2025 की एक रिपोर्ट के अनुसार, टीसीएस ने टीम और इकाई के प्रदर्शन के आधार पर लगातार तीसरी तिमाही में परिवर्तनीय वेतन में कटौती की. कंपनी के दावों के अनुसार, कंपनी के 70 प्रतिशत कर्मचारियों को पूर्ण तिमाही परिवर्तनीय भत्ता मिला, जबकि अन्य कर्मचारियों को उनकी टीम के प्रदर्शन मानकों के आधार पर कम वेतन मिला.

टीसीएस ने इस साल की शुरुआत में एक विवादास्पद कार्यालय उपस्थिति-आधारित परिवर्तनीय वेतन नीति भी पेश की थी. 60 प्रतिशत से कम कार्यालय उपस्थिति वाले कर्मचारियों को कोई परिवर्तनीय वेतन नहीं मिलेगा, जबकि 85 प्रतिशत या उससे अधिक उपस्थिति वाले कर्मचारियों को पूरी राशि मिलेगी. इस कदम का हाल की तिमाहियों में भुगतान पर असर पड़ा है और कुछ कर्मचारियों को उनके योग्य परिवर्तनीय वेतन का केवल 20 प्रतिशत से 40 प्रतिशत ही मिल रहा है.