उत्तर प्रदेश में ठंड के चलते स्कूल बंद
उत्तर प्रदेश में ठंड का असर बढ़ता जा रहा है. प्रयागराज में 17 जनवरी तक छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं. वहीं, राज्य के कुछ अन्य जिलों में स्कूलों की छुट्टी 18 जनवरी तक घोषित की गई है, गाजियाबाद में कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल 18 जनवरी 2025 तक बंद रहेंगे, जबकि स्टाफ को स्कूल आने का आदेश दिया गया है. बच्चों के लिए स्कूल 20 जनवरी 2025 से खुलने की संभावना है.
नोएडा के स्कूल आज खुलेंगे
नोएडा के सभी स्कूल आज याने 15 जनवरी को खुले रहेंगे. बच्चों के स्कूल आने का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक रखा गया है
लखनऊ में आज स्कूल खुले रहेंगे
यूपी के कुछ राज्यों में भले ही ठंड के बीच स्कूल बंद है. लेकिन आज लखनऊ में स्कूल खुले रहेंगे. बच्चों के स्कूल आने का समय कक्षा 1-12 के लिए सुबह 9:30 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक रहेंगे
बरेली में बंद रहेंगे स्कूल
अत्याधिक ठंड और कोहरे को देखते हुए जिलाधिकारी के आदेश पर जिले में संचालित कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यालय 15 जनवरी को बंद रखने के आदेश जारी हुए थे. लेकिन खबर है कि ठंड को देखते हुए बरेली में आज छुट्टी घोषित कर दी गई है. वहीं आगरा में भी स्कूल ठंड के चलते बंद है.
दिल्ली में स्कूल बंद
दिल्ली में 1 से 15 जनवरी तक विंटर वेकेशन घोषित किए गए थे. अगर कोल्ड वेव का अलर्ट जारी रहता है, तो छुट्टियां बढ़ाई जा सकती हैं. फिलहाल, दिल्ली सरकार की योजना के अनुसार, स्कूल 16 जनवरी 2025 से खुलने की उम्मीद है.
बिहार के पटना में कक्षा 1-8 के स्कूल बंद
बिहार के पटना में 15 जनवरी तक कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल बंद रहेंगे. 16 जनवरी 2025 से स्कूलों को फिर से खोला जाएगा.
उत्तराखंड में आज खुलेंगे स्कूल
उत्तराखंड में 5000 फीट से कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 1 से 13 जनवरी तक सर्दी की छुट्टियां थीं. अब सभी स्कूल 15 जनवरी 2025 से खुलने जा रहे हैं.
हरियाणा में स्कूल बंद
हरियाणा में सभी सरकारी और निजी स्कूल 1 से 15 जनवरी तक बंद रहेंगे. यहां भी 16 जनवरी से स्कूलों में कक्षाएं फिर से शुरू हो जाएंगी.
राजस्थान में स्कूल बंद
राजस्थान में भी ठंड के चलते स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं. प्रशासन ने इस बात की जानकारी दी है कि कुछ जिलों में स्कूलों की छुट्टियां और बढ़ाई जा सकती हैं, ताकि बच्चों को ठंड से राहत मिल सके.
शीतलहर के चलते उत्तर भारत के कई हिस्सों में स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाई गई हैं. प्रशासन का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है.