कोलकाता (Kolkata) के एक अस्पताल में डॉक्टरों से मारपीट की घटना के खिलाफ हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के बातचीत का ऑफर फिर से ठुकरा दिया है. जूनियर डॉक्टरों ने बैठक का ऑफर ठुकराते हुए कहा है कि सीएम ममता बनर्जी को पहले माफी मांगनी होगी. ममता बनर्जी ने शनिवार को राज्य सचिवालय में जूनियर डॉक्टरों को बैठक का ऑफर दिया था जिसे डॉक्टरों ने सीधे तौर पर ठुकरा दिया. इसके साथ ही शनिवार को डॉक्टरों की हड़ताल शनिवार को पांचवें दिन तक पहुंच गई.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को चिट्ठी लिखकर हड़ताल खत्म करने की अपील की तो जवाब में डॉक्टरों ने अपनी मांगों की नई लिस्ट जारी की है. बंगाल, दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज बेहाल हैं, हड़ताली डॉक्टरों ने 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर उनकी मागों को नहीं माना गया तो कल यानी रविवार को 14 अस्पतालों में ओपीडी और रुटीन सर्जरी भी बंद होगी.
जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त फोरम के प्रवक्ता अरिन्दम दत्ता ने कहा, "हम बैठक के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आमंत्रण पर राज्य सचिवालय नहीं जाएंगे. मुख्यमंत्री को एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आना होगा और एसएसकेएम अस्पताल में बृहस्पतिवार को अपने दौरे के दौरान की गई टिप्पणियों के लिए बिना शर्त माफी मांगनी होगी." दत्ता ने कहा, "यदि वह एसएसकेएम जा सकती हैं तो वह एनआरएस भी आ सकती हैं...अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा."
वहीं, दिल्ली स्थित एम्स और सफदरजंग अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य के आंदोलनकारी डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा है कि ऐसा न होने पर वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.
बता दें कि कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में हुई घटना के बाद से अब तक राज्य के करीब 700 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है. इसमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज के 107, SSKM के 175, नेशनल मेडिकल कॉलेज के 100, चितरंजन मेडिकल कॉलेज के 16, सागर दत्ता अस्पताल के 18 और स्कूल ऑफ ट्रापिकल मेडिसिन के 33 डॉक्टर शामिल हैं.