लोकसभा चुनाव 2019: इंदौर में बोले पी चिदंबरम, कहा- कांग्रेस पार्टी सभी राज्यों में अलग-अलग पार्टियों से करेगी गठबंधन
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (Photo Credits ANI)

भोपाल: आगामी 2019 लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के बीच गठबंधन का फॉर्मूला क्या होगा? फिलहाल अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. इस बीच कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का गठबंधन को लेकर एक बड़ा बयान आया है. चिदंबरम का कहना है कि उनकी पार्टी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग पार्टियों से गठबंधन करेगी. इस गठबंधन के तहत देश के सभी राज्यों में जीत होती है तो यह महागठबंधन की जीत होगी. बता दें कि उन्होंने यह बयान मध्य प्रदेश के इंदौर अपने दौरे के दौरान दिया है.

वित्त मंत्री पी चिदंबरम अपने बयान के दौरान यह भी कहा कि उन्हें पूरी 'हमें उम्मीद है कि राज्यवार गठबंधन होगा. और इस गठबंधन के तहत पार्टियों को जीत भी मिलेगी. आपको बता कि आगामी लोकसभा चुनाव में केंद्र से भारतीय जतना पार्टी को बेदखल करने के लिए कांग्रेस पार्टी अपने विरोधी को छोड़ सभी पार्टियों से गठबंधन करने की कोशिश में लगी हुई है. हालांकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में पार्टी ने किसी भी दल से गठबंधन नहीं किया है. तेलंगाना में कांग्रेस ने चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी से गठबंधन किया है. यह भी पढ़े: मध्य प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र जारी, कर्जमाफी के साथ किसानों का बिजली बिल आधा करने का वादा

संघ पर चिदंबरम का बयान

अपने इस दौरे के दौरान उन्होंने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि संघ कितना भी कहे की उनकी यह संस्था राजनीतिक संस्था नहीं है. लेकिन संघ एक राजनीतिक संस्था है. इसलिए यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो इस राज्य में आरएसएस पर लगाम लगायेगी. वहीं इस दौरान उन्होंने मंदिर निर्माण के मुद्दे पर भी बयान देते हुए कहा कि राम मंदिर बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी कोई को समस्या नहीं है. लेकिन यह मामला कोर्ट में है. कोर्ट का फैसला आने तक हर किसी को मंदिर निर्माण को लेकर इंतजार करना चाहिए.यह भी पढ़े: कांग्रेस का वादा, मध्यप्रदेश में सत्ता मिली तो सरकारी कैंपस में बैन होंगी RSS की शाखाएं

पी चिदंबरम अपने बयान के दौरान एनपीए, जीएसटी के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि पहले दो बार एनपीए की समस्या आई थी. एक बार यशवंत सिन्हा के समय में और एक बार मेरे समय में. पर दोनों बार इसका निपटारा किया गया. इस बार सरकार की असमर्थता के कारण समस्या आई है.'' वहीं उन्होंने मोदी सरकार द्वारा नोट बंदी को लेकर कहा कि नोटबंदी के फैसले से अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ा है. जिसके चलते देश में लाखों लोगों की नौकरियां और सैकड़ो जानें गई. एक तरह से आज हम ज्वालामुखी पर बैठे हैं. बेरोजगारी ज्वालामुखी होती है जो कभी भी फट सकता है. लेकिन मोदी सरकार को देश को लेकर कुछ नहीं पड़ी है.