भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने यहां शनिवार को पार्टी का घोषणापत्र जारी किया, जिसे 'वचनपत्र' नाम दिया. वचनपत्र में किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने का वादा किया गया है. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में वचनपत्र जारी करते हुए किसान सहित अन्य वर्गो के लिए काम करने का वादा किया है.
वचनपत्र में कहा गया है कि भाजपा शासन में किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है. डीजल, खाद, बीज के भाव बढ़ने से लागत बढ़ी है, उस अनुपात में उपज के दाम नहीं मिले हैं. कर्ज बढ़ा है और तनाव के चलते किसान आत्महत्याएं बढ़ी हैं, भाजपा सरकार का किसानों की आय दोगुनी करने का वादा खोखला साबित हुआ है. कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में वादा किया है कि सभी किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया जाएगा. यह भी पढ़े: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: कांग्रेस ने जारी की 29 उम्मीदवारों की चौथी सूची, जानें किसे मिला टिकट
We will reduce the electricity bill of farmers by 50%, reduce diesel & petrol prices and open 'Gaushalas' in every Gram Panchayat among other things mentioned in our election manifesto: Madhya Pradesh Congress Chief Kamal Nath, in Bhopal pic.twitter.com/ZpUGeLfT7N
— ANI (@ANI) November 10, 2018
जिसमें सहकारी बैंक और राष्ट्रीयकृत बैंकों का चालू एवं कालातीत कर्ज शामिल रहेगा। कांग्रेस सरकार नवीन फसल बीमा योजना लाएगी, फसल बीमा की इकाई खेत रहेगा. कहा गया है कि जो किसान स्वेच्छा से इससे अलग रहना चाहते हैं, उन्हें इसकी अनुमति रहेगी। बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को बीमा पॉलिसी व प्रीमियम राशि की रसीद देना सुनिश्चित किया जाएगा और मसाला उत्पादन के लिए छोटे-छोटे प्रोसेसिग प्लांट लगवाएंगे. यह भी पढ़े: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: बीजेपी ने जारी की तीसरी लिस्ट, इन दिग्गज नेताओं के परिजनों को मिला टिकट
कांग्रेस ने वादा किया है कि सब्जियों के उत्तम किस्म के बीज और पौधे दिए जाएंगे। स्वसहायता समूह और सहकारी समितियों के माध्यम से बीज एवं पौधा तैयार कराकर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा सब्जियों और फूलों को उचित मूल्य दिलाने के प्रयास किए जाएंगे. सिचाई क्षमता अगले पांच वर्षो में 65 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाई जाएगी. इस वचनपत्र में किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू किए जाने का वादा तो किया ही गया है, साथ ही किसानों पर दर्ज मामले वापस लिए जाने की बात भी कही गई है.