बैंकों के करोड़ों रुपये लेकर भागे हुए शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को देश वापिस लाने का रास्ता साफ हो गया है. ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जावीद ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को करारा झटका देते हुए उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है. इस बीच अपील करने के लिए विजय माल्या को 14 दिन की मोहलत दी गई है. लंबे समय से माल्या को भारत लाने की कोशिश की जा रही थी. मोदी सरकार और भारतीय जांच एजेंसिया लंबे समय से इसके लिए काम कर रही थी. बता दें कि दिसंबर 2018 में लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने माल्या को भारत भेजने का फैसला सुनाया था.
ब्रिटेन के गृह मंत्री की ओर से प्रत्यपर्ण को मंजूरी देने के बाद विजय माल्या ने इस संबंध में ट्वीट किया. अपने ट्वीट में माल्या ने लिखा कि 'वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से 10 दिसंबर 2018 को निर्णय दिए जाने के बाद मैंने अपील करने का इरादा बनाया था. मैं गृह सचिव के फैसले से पहले अपील की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सका. अब मैं अपील की प्रक्रिया शुरू करूंगा.' यह भी पढ़ें- भारत लौटने पर विजय माल्या का बड़ा बयान, कहा सरकार की दिलचस्पी मेरे पैसे लौटाने में नहीं, मुझे देश लाने में है
After the decision was handed down on December 10,2018 by the Westminster Magistrates Court, I stated my intention to appeal. I could not initiate the appeal process before a decision by the Home Secretary. Now I will initiate the appeal process.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) February 4, 2019
दिसंबर के अपने फैसले में कोर्ट ने कहा था कि 63 साल के कारोबारी माल्या को भारतीय अदालतों के समक्ष जवाब देने होंगे. प्रत्यर्पण संधि की प्रक्रियाओं के तहत चीफ मजिस्ट्रेट का फैसला गृह मंत्री जावीद को भेजा गया था, क्योंकि सिर्फ गृह मंत्री ही माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश देने के लिए अधिकृत हैं. जिसके बाद प्रत्यर्पण संबंधी आदेश की फाइल होम सेक्रेटरी को भेज दी गई थी. होम सेक्रेटरी ने अब इस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. हालांकि माल्या के पास अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अगले 14 दिन में अपील करना का समय दिया गया है.
इसके बाद विजय माल्या को स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट कोर्ट ने 5 जनवरी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया था. विजय माल्या कई बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज लेकर फरार हैं. इसके साथ ही विजय माल्या पर किंगफिशर एयरलाइन के लिए बैंकों से कर्ज में हेराफेरी और मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है. किंगफिशर एयरलाइन बंद हो चुकी है.