UP सरकार का निर्देश, शिक्षण अवधि में स्कूल में ही रहेंगे शिक्षक
सीएम योगी (Photo Credit: CM Yogi Office Twitter Handle)

लखनऊ, 4 नवंबर : उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में निर्धारित शिक्षण अवधि में कोई भी शिक्षक विद्यालय प्रांगण से बाहर नहीं रहेगा. शिक्षक शिक्षण अवधि से 15 मिनट पूर्व विद्यालय में उपस्थित होंगे एवं शिक्षण अवधि के बाद कम से कम 30 मिनट उपस्थित रहकर पंजिका तथा अन्य अभिलेख अपडेट करेंगे और अगले दिन की कक्षा शिक्षण की रूपरेखा तैयार करेंगे. साप्ताहिक कैलेंडर का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा. यदि शैक्षिक कैलेंडर में निर्धारित समय सारिणी का अनुपालन नहीं सुनिश्चित किया जा सका है तो इसकी प्रतिपूर्ति के अतिरिक्त क्लास की व्यवस्था की जाएगी.

इसके अलावा, शैक्षणिक कार्य अवधि में रैली, प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला और गोष्ठी का आयोजन नहीं होगा. छात्रों के पठन पाठन को लेकर सजग मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इसे अमल में लाने का निर्देश दिया गया है.महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर विद्यालयों में शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं कार्य निर्धारण को लेकर की जा रही कार्यवाही संतोषजनक नहीं है. ऐसे में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने जनपद में इनका अनुपालन सुनिश्चित कराएं. यह भी पढ़ें : पराली जलाना ‘राजनीतिक मुद्दा’ नहीं, राज्यों को इस पर रोक के लिए काम करना चाहिए : कृषि मंत्री तोमर

डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों में पढ़ाई के घंटे समेत सभी शैक्षणिक कार्यों के लिए निर्धारित समय-सारिणी के पालन के संबंध में 20 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है. शासनादेश में प्रत्येक शैक्षिक सत्र में 240 शिक्षण दिवस का संचालन किया जाना अनिवार्य है. इसी तरह निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण, डीबीटी एवं अन्य किसी भी सामग्री के वितरण का कार्य विद्यालय अवधि के बाद ही किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

पत्र में ये भी निर्देश दिया गया है कि विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य की अवधि में रैली, प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला और नवाचार गोष्ठी का आयोजन भी नहीं हो सकेगा. इस दौरान शिक्षकों से किसी भी विभाग का हाउस होल्ड सर्वे भी नहीं कराया जाएगा. विद्यालयों में शिक्षकों के गैरहाजिर मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और वेतन भी कटेगा. शिक्षकों को राज्य परियोजना कार्यालय और एससीईआरटी के प्रशिक्षणों में शामिल होना होगा. जिला या विकासखंड स्तर पर बीएसए या खंड शिक्षा अधिकारी किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण आयोजित नहीं करेंगे. अनाधिकृत प्रशिक्षण आयोजित करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. निशुल्क पाठ्यपुस्तक सहित अन्य सामग्री का वितरण शिक्षण अवधि के बाद ही किया जाएगा. परिषदीय शिक्षकों को जिला प्रशासन, बीएसए दफ्तर और खंड शिक्षा अधिकारी दफ्तर में संबद्ध नहीं किया जाएगा.

विद्यालय से संबंधित बैंकिंग कार्यों हेतु ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है. अत: बैंकिंग एवं अन्य कार्यों यथा पासबुक में एंट्री/अद्यावधिक कराया जाना, ग्राम प्रधान से वार्ता/एमडीएम संबंधी आवश्यकताओं एवं समन्वय आदि हेतु शिक्षण अवधि में शिक्षक विद्यालय परिसर से बाहर नहीं जाएंगे. शिक्षकों के वेतन, अवकाश, मेडिकल आदि से संबंधित समस्त कार्यों के ऑनलाइन निष्पादन हेतु मानव संपदा पोर्टल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. अत: अधिष्ठान संबंधी किसी कार्य के लिए शिक्षकों द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी अथवा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से संपर्क नहीं किया जाएगा. सप्ताह में कम से कम एक बार प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में विद्यालय के सभी शिक्षकों की बैठक आहूत की जाएगी. इस बैठक में अगले सप्ताह की कार्ययोजना एवं विकासखंड स्तर पर आयोजित मासिक समीक्षा बैठकों के निदेशरें के अनुपालन की समीक्षा की जाएगी.

टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर विद्यालयों में शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं कार्य निर्धारण के संबंध में 14 अगस्त 2020 को शासनादेश जारी किया गया था. शासनादेश में कहा गया था कि शैक्षणिक समय के अंतर्गत उल्लिखित समयानुसार प्रार्थना सभा / योगान्यास अवश्य कराया जाए. जिला प्रशासन, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने स्तर से किसी तरह की परीक्षा आदि का आयोजन नहीं किया जाएगा. विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को बनाने के लिए अभिनव प्रयास किए जाएं. साथ ही यह भी अवश्य सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी ऐसी गतिविधि या क्रियाकलाप का आयोजन न किया जाए जिससे कि पठन-पाठन प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो.