मुंबई:- महाराष्ट्र की सियासत में भूकंप मचा हुआ है और घटनाक्रम बेहद तेजी से बदल रहा है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस (Devendra Fadnavis) और डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफे का ऐलान कर दिया. जिसके बाद शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाविकास अघाड़ी ( Maha Vikas Aghadi) अब नई सरकार बनाने की कवायद में जुट गई हैं. इसमें सीएम बनने की रेस शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Shiv Sena chief Uddhav Thackeray) का नाम सबसे आगे है. खबरों की माने तो 1 दिसंबर के दिन उद्धव ठाकरे दादर के शिवाजी पार्क में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. मुंबई के होटल ट्राईडेंट (Trident Hotel) महाविकास अघाड़ी की बैठक रखी गई थी. जहां इस बात की घोषणा की गई.
बता दें कि होटल ट्राईडेंट में आयोजित इस बैठक में उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने शिरकत की. बैठक में तीनों दल के नेताओं ने उद्धव ठाकरे के नाम के प्रस्ताव का समर्थन किया है. इस दौरान उन्हें महाविकास अघाड़ी का नेता चुना गया. इसी के साथ उन्हें राज्य के नेतृत्व करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई. उद्धव ठाकरे के नाम का प्रस्ताव शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने रखा और कांग्रेस ने उसक समर्थन किया. जिसके उद्धव ने शरद पवार के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया.
Jayant Patil, NCP: We all want Uddhav Balasaheb Thackeray to lead our alliance as the Chief Minister. #Maharashtra pic.twitter.com/cmAbL70qPl
— ANI (@ANI) November 26, 2019
अगर उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनते हैं तो उन्हें छह महीने के भीतर विधानसभा या विधान परिषद का चुनाव लड़कर जीतना होगा. ऐसा पहली बार होगा जब ठाकरे परिवार से कोई मुख्यमंत्री बनने जा रहा है. उद्धव ठाकरे ने आज तक कभी चुनाव नहीं लड़ा है और वह दोनों में से किसी सदन के सदस्य नहीं हैं.
Resolution proposing Uddhav Thackeray's name as the Chief Minister candidate and leader of 'Maha Vikas Aghadi' passed unanimously by all MLAs. #Maharashtra pic.twitter.com/nUmXeJMroG
— ANI (@ANI) November 26, 2019
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बालासाहेब ठाकरे के बाद उद्धव ने संभाला था शिवसेना का कमान
उद्धव ठाकरे का जन्म 27 जुलाई 1960 को हुआ था. वैसे तो उद्धव ठाकरे फोटोग्राफी का शौक रखते हैं, लेकिन राजनीति में उनका दबदबा कायम है. साल 2012 में उद्धव ठाकरे ने अपने पिता बालासाहेब ठाकरे के निधन के बाद शिवसेना पार्टी की कमान संभाली थी. कहा जा सकता है कि शिवसेना के मुखपत्र सामना का कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. यह भी पढ़ें:- उद्धव ठाकरे होंगे महाराष्ट्र के नए सीएम, ये बीजेपी के खात्मे की शुरूआत: NCP नेता नवाब मलिक.
साल 1999 में महाराष्ट्र में शिवसेना के मुख्यमंत्री नारायण राणे की कार्यशैली और प्रशासनिक योग्यता की उन्होंने खुले तौर पर आलोचना की. इसके बाद हुए विवाद में राणे को इस्तीफा देना पड़ा. बाद में राणे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. उद्धव के नेतृत्व में शिवसेना को 2002 में बृहन्मुंबई महानगर पालिका चुनावों में भारी मतों से जीत मिली थी. वर्ष 2003 में उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया. उद्धव और उनके चचरे भाई राज ठाकरे के बीच 2006 में मतभेद के बाद राज ने अलग होकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया. उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे पार्टी की युवा शाखा युवासेना के अध्यक्ष और वर्ली से विधायक हैं.