मुंबई:- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का परिणाम तो आए एक महिना का समय बीत गया लेकिन अभी तक राज्य में स्थाई सरकार नहीं बन पाई है. राज्य में इस बार जमकर सियासी ड्रामा देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां कभी बीजेपी के साथ मिलकर शिवसेना हुंकार भरा करती थी. वहीं अब उसने कांग्रेस और एनसीपी से दोस्ती कर ली है. वहीं पहली बार अब ऐसा होगा कि ठाकरे परिवार से कोई मुख्यमंत्री पद पर विराजमान होगा. एक दौरा था जब बाला साहेब ठाकरे मातोश्री में बैठकर महाराष्ट्र की राजनीति को रिमोट कंट्रोल से चलाया करते थे. ठाकरे का वर्चस्व ऐसा था कि केंद्र के दिग्गज नेता से लेकर राज्य का कोई भी मंत्री मातोश्री में जाकर ही बातचीत किया करता था. लेकिन अब ठाकरे परिवार एक नया अध्याय रचने जा रहा है. बालासाहेब ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.
वहीं उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे 1960 के दशक में पार्टी के गठन के बाद से चुनावी राजनीति में उतरने और जीत हासिल करने वाले ठाकरे परिवार के प्रथम व्यक्ति हो गये हैं. वह मुंबई की वर्ली सीट से जीते हैं, जो शिवसेना का गढ़ है. ऐसा पहली बार हुआ है जब ठाकरे परिवार के दो सदस्य राजनीति में अपनी भूमिका निभाएंगे. बता दें कि शिवसेना और बीजेपी में मुख्यमंत्री पद को लेकर काफी खींचतान हुई और उसके बाद परिणाम यह रहा है कि दो दशक पुरानी दोस्ती टूट गई. शिवसेना कभी जिन पार्टियों को कोस-कोसकर जनता से वोट मांगा करती थी, अब उन्ही के साथ मिलकर सत्ता की चाभी अपने हाथ में लेने जा रहा ही है.
गौरतलब हो कि बीजेपी एक प्रभावी विपक्ष के रूप में काम करेगी और लोगों की आवाज उठाने की कोशिश करेगी. वही मीडिया के हवाले से खबर है कि शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे (Shivsena Chief Uddhav Thackeray) बुधवार को सीएम पद की शपथ लेंगे. वही एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटिल और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे.