लोकसभा चुनाव 2019 के बीच अमेरिकन मैगजीन 'टाइम' (Time) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित कवर पेज जारी किया है. 'टाइम' मैगजीन ने पीएम नरेंद्र मोदी को भारत को तोड़ने वाला शख्स (India’s Divider in Chief) बताया है. टाइम मैगजीन के पत्रकार आतिश तासीर (Aatish Taseer) ने टाइम मैगजीन में कवर स्टोरी जारी की है. जिसमें बताया गया है कि पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की है. पीएम मोदी के कवर वाली यह पत्रिका 20 मई 2019 को जारी की जाएगी. इससे पहले टाइम ने अपनी वेबसाइट पर इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया है.
टाइम पत्रिका के एशिया एडिशन ने लोकसभा चुनाव 2019 और पिछले पांच सालों में नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज पर लीड स्टोरी की है. इसका शीर्षक है “Can the World's Largest Democracy Endure Another Five Years of a Modi Government?” टाइम मैगजीन की रिपोर्ट में बताया गया है कि 1947 में ब्रिटिश इंडिया दो हिस्सों में बंटा और पाकिस्तान का जन्म हुआ. लेकिन कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पढ़े भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने फैसला किया कि भारत सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं होगा बल्कि हर धर्म के लोगों के लिए यहां जगह होगी.
पीएम मोदी ने तीन तलाक को कानूनी अपराध करार दिया
आर्टिकल में लिखा गया है उस वक्त हिंदुस्तान में 35 लाख मुसलमान थे और आज 17 करोड़ मुसलमान हैं. नेहरु की विचारधारा सेक्युलर थी जहां सभी धर्मों को समान रूप से इज्जत थी. भारतीय मुसलमानों को शरिया पर आधारित फैमिली लॉ मानने का अधिकार दिया गया. जिसमें तलाक देने का उनका तरीका तीन बार तलाक बोलकर तलाक लेना भी शामिल था जिसे नरेंद्र मोदी ने 2018 में एक आदेश जारी कर तीन तलाक को कानूनी अपराध करार दे दिया दिया.
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नेहरू जैसी शख्सियतों पर राजनीतिक हमले किए
इस आर्टिकल में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी ने भारत के महान शख्सियतों पर राजनीतिक हमले किए जैसे कि नेहरू. वह कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, उन्होंने कभी भी हिंदू-मुसलमानों के बीच भाईचारे की भावना को मजबूत करने के लिए कोई इच्छाशक्ति नहीं दिखाई. नरेंद्र मोदी का सत्ता में आना इस बात को दिखाता है कि भारत में जिस कथित उदार संस्कृति की चर्चा की जाती थी वहां पर दरअसल धार्मिक राष्ट्रवाद, मुसलमानों के खिलाफ भावनाएं और जातिगत कट्टरता पनप रही थी.
गौ हिंसा और लिंचिंग का जिक्र
इस आर्टिकल में लिंचिंग और गाय के नाम पर हुई हिंसा का भी जिक्र किया गया है. लेखक आतीश तासीर ने कहा है कि गाय को लेकर मुसलमानों पर बार-बार हमले हुए और उन्हें मारा गया. एक भी ऐसा महीना न गुजरा हो जब लोगों के स्मार्टफोन पर वो तस्वीरें न आई जिसमें गुस्साई हिंदू भीड़ एक मुस्लिम को पीट न रही हो.
योगी आदित्यनाथ का भी जिक्र
टाइम मैगजीन ने अपनी कवर स्टोरी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी जिक्र किया है. इसमें लिखा गया है कि साल 2017 में उत्तर प्रदेश में जब बीजेपी चुनाव जीती तो भगवा पहनने और नफरत फैलाने वाले एक महंत को सीएम बना दिया.
1984 और 2002 के दंगों का भी जिक्र
टाइम के इस आर्टिकल में 1984 के सिख दंगों और 2002 के गुजरात दंगों का भी जिक्र है. आर्टिकल में लिखा गया है कि कांग्रेस नेतृत्व भी 1984 के दंगों को लेकर आरोप मुक्त नहीं है लेकिन फिर भी इसने दंगों के दौरान उन्मादी भीड़ को खुद से अलग रखा, लेकिन नरेंद्र मोदी 2002 के दंगों के दौरान अपनी चुप्पी से 'उन्मादी भीड़ के दोस्त' साबित हुए.
पीएम मोदी की आर्थिक नीतियों की तारीफ
टाइम मैगजीन के इसी संस्करण के एक दूसरे आर्टिकल में पीएम नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों की जमकर तारीफ भी की गई है. इयान ब्रेमर नाम के पत्रकार ने लिखा है कि मोदी ही वो शख्स है जो भारत के लिए डिलीवर कर सकते हैं. Modi Is India's Best Hope for Economic Reform के शीर्षक से लिए गए इस लेख में कहा गया है कि भारत ने मोदी के नेतृत्व में चीन, अमेरिका और जापान से अपने रिश्ते तो सुधारे ही हैं, लेकिन उनकी घरेलू नीतियों की वजह से करोड़ों लोगों की जिंदगी में सुधार आया है.
इस आर्टिकल में जीएसटी लागू करने के लिए पीएम मोदी की तारीफ की गई है. पीएम मोदी द्वारा देश में किए गए विकास को इस आर्टिकल में दर्शाया गया है. आर्टिकल में लिखा गया है पीएम मोदी ने देश में बुनियादी ढांचे में जमकर निवश किया है. नई सड़कों का निर्माण, हाईवे, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और एयरपोर्ट ने देश को आगे बढाया है. कई ऐसे गांवों में बिजली पहुंची हैं जहां 70 सालों से अंधेरा था. बता दें कि टाइम मैगजीन ने साल 2014-15 में नरेंद्र मोदी को दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था.