मुंबई: भारत में कोविड-19 (COVID-19) के नए वेरियंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) के मामले लगातार बढ़ रहे है. इस बीच विशेषज्ञ ओमिक्रॉन के खतरे को लेकर कई तरह की भविष्यवाणियां कर रहे है. ओमिक्रॉन वेरियंट को भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर लाने का प्रमुख कारण माना जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि इसकी वजह से देश में अगले साल फरवरी में फिर एक लाख से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आएंगे. हालांकि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर जितनी घातक नहीं होने की संभावना है. Omicron in Maharashtra: महाराष्ट्र में तेजी से पांव पसार रहा ओमिक्रॉन वेरियंट! 2 और संक्रमितों की हुई पुष्टि, कुल मरीज हुए 10
कोविड-19 के गणितीय अनुमान में शामिल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि सार्स-कोवी-2 के नये स्वरूप ओमिक्रॉन से कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर फरवरी में चरम पर पहुंच सकती है, जब देश में प्रतिदिन एक लाख से डेढ़ लाख तक मामले सामने आने की संभावना है. उन्होंने कहा कि नये अनुमान में, ओमीक्रोन स्वरूप को एक कारक के तौर पर शामिल किया गया है.
अग्रवाल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘‘नये स्वरूप के साथ, हमारा मौजूदा अनुमान यह है कि देश में फरवरी तक तीसरी लहर आ सकती है लेकिन यह दूसरी लहर से हल्की होगी. अब तक हमने देखा है कि ओमीक्रोन से होने वाले संक्रमण की गंभीरता डेल्टा स्वरूप की तरह नहीं है.’’
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, ओमिक्रॉन लगभग 38 देशों में फैल गया है, लेकिन अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है. इजराइल में हदासाह-हिब्रू यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के वैज्ञानिक ने कहा कि अपने स्पाइक प्रोटीन पर 30 से अधिक उत्परिवर्तन के साथ ओमिक्रॉन वेरिएंट, डेल्टा, अल्फा और कोरोना वायरस के अन्य वेरिएंटों के रूप में खतरनाक नहीं हो सकता है, जिसने अब तक दुनिया भर में पांच मिलियन से अधिक लोगों की जान ली है. हालांकि, वेरिएंट अधिक संक्रामक प्रतीत होता है.