पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) पर पीएम मोदी भारतीय सेना को बदला लेने की आजादी दे चुके हैं. गुरुवार को हुए हमले को लेकर सरकार एक्शन मोड़ पर आ चुकी है. इस बाबत शनिवार को संसद भवन की लाइब्रेरी में पुलवामा हमले को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई. इस सर्वदलीय बैठक में आतंक से लड़ने और सेना-सुरक्षा बलों के साथ खड़े रहने का संकल्प लिया गया है. सभी दलों ने कहा कि वे सरकार के साथ है. एक प्रस्ताव पास किया गया है जिसमें हमले में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर हिंसा भड़काने की कोशिश की गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इस मीटिंग में कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद, एनसीपी से शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारुख अब्दुल्ला, शिवसेना से संजय राउत और एलजेपी से रामविलास पासवान भी शामिल हुए थे. सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम सरकार, देश के सुरक्षाबलों के साथ खड़े हैं. कश्मीर ही नहीं, पूरे देश में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस का सरकार को पूरा समर्थन है. यह भी पढ़ें- पुलवामा आतंकी हमला: देश के लिए शहीद हुए CRPF के ये 40 बहादुर जवान, देखें पूरी लिस्ट, नाम और फोटो
The resolution passed at the all-party meeting: We strongly condemn the dastardly terror act of 14th February at Pulwama in J&K in which lives of 40 brave jawans of CRPF were lost. pic.twitter.com/0OjGkgS6He
— ANI (@ANI) February 16, 2019
फारूक अब्दुल्ला ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि आतंकियों के खिलाफ जो करना है सरकार करे लेकिन ये भी ध्यान में रखे कि कश्मीर में हिंदुस्तान जिंदाबाद कहने वाले ज्यादा हैं. कार्रवाई के नाम कर आम कश्मीरियों को परेशान नहीं किया जाए. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 14 फरवरी को जो पुलवामा में आतंकी हमला हुआ उससे पूरा देश आहत है. इसी विषय पर संसद के सभी दल के नेताओं के साथ चर्चा की. सभी एक साथ देश के साथ खड़ा है.
गौरतलब है कि इस बैठक से पहले ही पूरे विपक्ष ने सरकार को समर्थन की बात कही थी. शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रेस कांफ्रेस कर के सरकार को समर्थन की बात कही राहुल ने कहा कि इस दुःख की घड़ी में हम सरकार और जवानों के परिवार के साथ खड़े हैं. मीटिंग से पहले गुलाम नबी आजाद ने बताया कि हम सब सुरक्षाबलों के साथ खड़े हैं. लेकिन मीटिंग में क्या होने वाला है, इसकी उन्हें अभी कोई जानकारी नहीं है. आजाद ने स्पष्ट कहा कि उनकी पार्टी आतंकवाद से लड़ने के लिए सरकार का समर्थन करेगी. उन्होंने कहा कि यह बातचीत का वक्त नहीं है और ऐसा करना बेवकूफी होगी.