Farmers Protest: पंजाब के किसान आज दोपहर 1 बजे शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच के लिए रवाना होंगे. इसके मद्देनजर हरियाणा के अंबाला जिले में किसी भी बड़े जमावड़े को रोकने के लिए धारा 163 लागू कर दी गई है. जिला प्रशासन ने शंभू बॉर्डर के आसपास पांच या उससे ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाया है. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, भूमि अधिग्रहण अधिनियम की बहाली और बिजली दरों में वृद्धि न करने की मांग कर रहे हैं.
इसके अलावा, 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय और 2020-21 के आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग है.
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शंभू बॉर्डर से 1 बजे रवाना होगा किसानों का पहला जत्था
#WATCH | Visuals from the Shambhu border, from where the farmers will start their march towards Delhi at 1 pm today. pic.twitter.com/DgWL8zWN9W
— ANI (@ANI) December 6, 2024
किसानों के दिल्ली कूच को लेकर प्रशासन अलर्ट
#WATCH | At the Shambhu border, Farmer leader Sarwan Singh Pandher says, "The central and state governments told the Supreme Court that they have a problem with farmers moving towards Delhi on tractors... A group of 100 farmers will move towards Delhi peacefully. We have no… pic.twitter.com/gbe8c9oXqo
— ANI (@ANI) December 6, 2024
शंभू और सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी
दिल्ली कूच को देखते हुए शंभू बॉर्डर और राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. हरियाणा और पंजाब पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. ट्रैफिक प्रभावित होने की संभावना है. वहीं, सिंघु बॉर्डर पर भी पुलिस पूरी तरह से सतर्क है. हरियाणा के जिंद जिले में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 10 दिनों से अनशन पर बैठे हैं. यहां भी धारा 163 लागू कर दी गई है.
नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन
पिछले दिनों यूपी के करीब 5,000 किसानों ने भी दिल्ली कूच की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर रोक दिया गया. इस प्रदर्शन के चलते ट्रैफिक जाम हो गया और लोगों को काफी परेशानी हुई.
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के प्रदर्शन पर कहा, "लोकतंत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन इससे जनता को असुविधा नहीं होनी चाहिए." किसानों को खनौरी बॉर्डर पर रोक दिया गया था, जिसे पंजाब की जीवनरेखा कहा जाता है.