Gwalior Digital Arrest: ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट का अब तक का सबसे बड़ा मामला, BSF इंस्पेक्टर को 32 दिनों तक रखा कैद, 71 लाख रूपए ठगे
Digital Arrest' (img: pixabay)

ग्वालियर, मध्य प्रदेश: देश के कई शहरों में साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के मामले बढ़ते ही जा रहे है. रोजाना लोगों को डर दिखाकर उनकी लुट हो रही है. ऐसा ही एक मामला ग्वालियर से सामने आया है. जहां पर बीएसएफ इंस्पेक्टर को 32 दिनों तक घर में डिजिटल अरेस्ट रखा और 71 लाख रूपए की ठगी की.

ये अब तक का सबसे ज्यादा दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करने का मामला है. बीएसएफ अधिकारी को मनी लांड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी और उनके साथ फ्रॉड कर ठगी की. पीड़ित का नाम अबसार अहमद है और वे बीएसएफ टेकनपुर में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है. बताया जा रहा है की आरोपियों ने खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर इनके साथ फ्रॉड किया है. ये भी पढ़े:Digital Arrest Scam: ‘डिजिटल अरेस्ट स्कैम’ क्या है, इसका शिकार होने से खुद को कैसे बचाएं?

आरोपियों ने वॉट्सऐप पर किया था कॉल

बीएसपी के पीड़ित इंस्पेक्टर अबसार अहमद की शिकायत की मुताबिक़ 2 दिसंबर 2024 को सुबह 11.29 बजे उन्हें मोबाइल पर वॉट्सऐप कॉल आया था. सामने वाले ने खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए कहा की ,' आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी वारंट है. आपके इस नंबर पर कई केस चल रहे है. कई जगह आपके मोबाइल का गलत इस्तेमाल हुआ है. इसके साथ ही आरोपियों ने डराने के लिए ये भी कहा की आपके साथ ही पूरे परिवार को अरेस्ट करने के कोर्ट ने आदेश दिए है. इसके बाद पीड़ित ने कहा की ,' उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है. तो आरोपियों ने कहा की आपका फ़ोन टेप हो रहा है.

उधार लेकर, दोस्तों और रिश्तेदारों से लेकर दिए पैसे

पीड़ित के मुताबिक़ वे  उत्तर प्रदेश के रहने वाले और ग्वालियर में अकेले रहते हैं इसलिए वह डर गए और बात मानते चले गए.इसके बाद सबसे पहले 15 लाख रुपए की मांग की गई. बताया कि एक-एक पैसे की जांच होगी. विश्वास मानों कि यदि आप गलत नहीं होते तो केस क्लोज होते ही पूरा पैसा वापस मिल जाएगा. इसी दौरान कई बार में 71 लाख 25 हजार रुपए इंस्पेक्टर ने वीडियो कॉल करने वाले ठगों को दिए.

आखिरकार पता चली सच्चाई

पीड़ित ने जब लाखों रूपए इन आरोपियों को दिए तो वे परेशान हो गए और इसके बाद उन्होंने ये बात अपने बेटे को बताई इसके बाद बेटे ने 3 जनवरी को साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल  किया तो पता चला कि पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट किया गया था. बता दें कि पीड़ित इस मामले को लेकर ग्वालियर के एसपी धर्मवीर सिंह से मिले और उनके साथ जो हुआ वह बताया. इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.