झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) ने सरायकेला-खरसावां (Seraikela Kharsawan) में तबरेज अंसारी (Tabrez Ansari) नाम के एक मुस्लिम युवक की मॉब लिंचिंग (भीड़ हत्या) मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप हटा दिया है. कुछ महीने पहले चोरी के आरोपों को लेकर तबरेज अंसारी को एक खंभे से बांध कर लोहे की सरिया से उसकी पिटाई करने और उसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर करने का वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर आया था. टीवी चैनलों ने भी घटना का वीडियो प्रसारित किया था. सरायकेला-खरसावां जिला पुलिस ने मामले में नामजद 13 आरोपियों में 11 के खिलाफ 29 जुलाई को आरोपपत्र दाखिल किया. साथ ही, हत्या के आरोप (आईपीसी की धारा 302) को धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या) में तब्दील कर दिया. इस तरह, इन आरोपियों को अब अपेक्षाकृत हल्के आरोप का सामना करना पड़ेगा.
सरायकेला खरसावां जिला के पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने बताया कि 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर हत्या का मामला नहीं बनाया जा सका. हमने इसे गैर-इरादतन हत्या के रूप में आरोपित किया है. उधर, तबरेज अंसारी की पत्नी एस परवीन का कहना है कि मेरे पति की लिंचिंग हुई थी, पहले मामला धारा 302 (हत्या) के तहत दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में इसे प्रशासन के प्रभाव में धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या) में बदल दिया गया. एस परवीन ने कहा कि दोषियों को बचाने की कोशिश हो रही है, सीबीआई को मामले की जांच करनी चाहिए. यह भी पढ़ें- झारखंड मॉब लिंचिंग मामला: पुलिस ने 11 आरोपियों पर से हत्या का आरोप हटाया, दिल का दौरा पड़ने से हुई थी तबरेज की मौत.
S Parveen, wife of Tabrez Ansari: My husband was lynched, earlier case was registered under section 302 (murder) but it was later changed to section 304 (culpable homicide) under administration's influence. There is an attempt to save the culprits,CBI should investigate the case. https://t.co/ifcde4wZi6 pic.twitter.com/h3354x6uvR
— ANI (@ANI) September 11, 2019
गौरतलब है कि अंसारी पुणे में मजदूर और वेल्डर के रूप में काम करता था और वह ईद मनाने के लिए घर आया था. तभी 17 जून की रात धतकीडीह गांव के लोगों ने एक मोटरसाइकिल चोरी करने की कोशिश करने के संदेह में उसे पकड़ लिया. भीड़ ने अंसारी को एक खंभे से बांध दिया और उसे डंडों तथा लोहे की सरिया से पीटा गया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और टीवी चैनलों पर भी दिखाया गया. वीडियो में उसे ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ बोलने के लिए मजबूर करते देखा जा सकता था. हालांकि, इस बारे में कोई साक्ष्य नहीं है कि इस घटना को अंजाम देने वाले लोगों का किसी हिंदू संगठन से संबंध था.
भाषा इनपुट