स्विगी लॉकडाउन के समय भारत के 125 से अधिक शहरों में किराने और घरेलू आवश्यक वस्तुओं की करेगा डिलीवरी
स्विगी डिलीवरी ब्वॉय | सांकेतिक तस्वीर | (File Photo)

ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफार्म स्विगी (Swiggy ) ने सोमवार को कहा कि उसने देश के 125 से अधिक शहरों में किराने का सामान और घरेलू आवश्यक सेवाओं की डिलीवरी कर अपना विस्तार किया है. स्विगी ऐप को ओपन करने पर उसमें ग्रोसरी (Grocery) ऑप्शन है, जिसे क्लिक करने के बाद आपके ही पड़ोस के किराने की दुकान से अपना राशन और अन्य वस्तु आपके डोरस्टेप पर आ जाएगी. इस ऐप पर यह सेवा किसी भी बड़े ब्रांड्स से लेकर अन्य छोटी-मोटी चीजों की डिलीवरी करेगा.

स्विगी के सीओओ विवेक सुंदर (Vivek Sunder) ने जानकारी देते हुए कहा कि, "इस हाइपरलोकल डिलीवरी ऑफर का मुख्य कारण यह भी है कि हम उपभोक्ताओं को सुरक्षा और सुविधा दोनों दे सकें और हमारे डिलीवरी पार्टनर्स के लिए कमाई का एक जरिया बनाये रखें." उन्होंने आगे कहा कि, "हमारा लक्ष्य है यह भी है कि लॉकडाउन के इस कठिन समय में सभी देशवासी अपने घरों में सुरक्षित रहें और हम उनकी जरूरतें पूरी कर सकें."

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उपभोक्ता ग्रोसरी ऑप्शन में सीधे अपने इलाके में उपलब्ध स्टोर को देख सकते हैं और अपने जरूरत के सामान को कार्ट में ऐड कर सकते हैं. इसके अलावा प्रीपेड और नो-कॉन्टैक्ट डिलीवरी का विकल्प चुन सकते हैं. स्विगी ने कई नेशनल ब्रांड्स और लोकल विक्रेताओं के साथ पार्टर्नशिप कर ली है. जिनमे शामिल है एचयूएल, पी एंड जी, गोदरेज, डाबर, मैरिको, विशाल मेगा मार्ट, अदानी विल्मर, सिप्ला और दूसरे लोकल मार्किट के ब्रांड्स भी हैं. इसके अलावा, स्विगी ने 15 से अधिक शहरों में हाइपरलोकल डिलीवरी सेवा 'जिनी ’लॉन्च कर 'स्विगी गो’ को फिर से शुरू किया है.

‘जिनी’ के नाम से ही पता चलता है कि शहर के अंदर कहीं से भी सामान लेने और छोड़ने के लिए एक प्लेटफार्म है. इसमें शहर के अंदर से पैकेज भेजने या किसी भी स्टोर से जरूरत का सामान खरीदने के लिए पिकअप और ड्रॉप सेवा शामिल है. स्विगी ने लॉकडाउन के दौरान हजारों वंचितों, दैनिक ग्रामीणों और फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को खिलाने के लिए 'होप नॉट हंगर' (Hope, not Hunger) पहल की शुरुआत की, इसके साथ ही स्विगी लीडर्स, कर्मचारियों और इन्वेर्स्टर्स ने मिलकर स्विगी हंगर सेवर कोविड रिलीफ फंड’ (Swiggy Hunger Savior Covid Relief Fund) की पेशकश भी की.