अमरावती, 26 अप्रैल: आंध्र प्रदेश के कुल 56 प्रवासी संकटग्रस्त सूडान में फंसे हुए हैं और उन्हें सुरक्षित वापस लाने के प्रयास जारी हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने अधिकारियों को फंसे हुए लोगों को लाने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय करें और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित वापस लाने की व्यवस्था करें. यह भी पढ़ें: Operation Kaveri: भारतीय वायु सेना के ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत अब तक 530 भारतीय नागरिकों को सूडान से निकाला गया
जगन मोहन रेड्डी भी चाहते थे कि वे यह सुनिश्चित करें कि भारत लौटने पर उन्हें उनके मूल स्थानों पर भेजा जाए. उन्होंने अधिकारियों से फंसे हुए तेलुगु लोगों को हर संभव सहायता देने को कहा, जैसा कि यूक्रेन संकट के दौरान किया गया था. इस बीच, आंध्र प्रदेश नॉन रेसिडेंट तेलुगु सोसाइटी (एपीएनआरटीएस) ने कहा कि फंसे हुए लोगों में से 34 सुरक्षित हैं.
ये प्रवासी पहले ही लाल सागर के तट से पोर्ट सूडान पहुंच चुके हैं और उनके सुरक्षित स्थान पर आगे बढ़ने की उम्मीद है. एपीएनआरटीएस के अध्यक्ष मेदापति वेंकट के अनुसार, बाकि 20 लोग संघर्ष क्षेत्र से 30 किलोमीटर दूर हैं और उन तक पहुंचने के प्रयास चल रहे हैं.
एपीएनआरटीएस ने सूडान में आंध्र प्रदेश के मूल निवासियों की पहचान करने के लिए एक विशेष हेल्पलाइन डेस्क की स्थापना की है. सूडान की सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच पिछले दो सप्ताह के दौरान भीषण संघर्ष में 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. संघर्ष में 3,700 से अधिक लोग घायल हुए हैं. भारत सरकार ने संकटग्रस्त देश से भारतीयों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन कावेरी' शुरू किया है। सूडान में अनुमानित 4,000 भारतीय हैं.