जयपुर, 2 अक्टूबर : राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रवार को आबू रोड का दौरा राज्य के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. पीएम ने चुप रहकर कई संदेश दिए. राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर से भाषण न देने के नियम का हवाला देते हुए देर से आने के लिए माफी मांगना और लोगों के सामने तीन बार झुकना महज संयोग नहीं हो सकता. राजस्थान भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता एक साथ एक मंच पर नजर आए. कोशिश थी लोगों को एकजुटता का संदेश देने की. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पीएम का यह दौरा राज्य में अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जुड़ा है. लोगों के सामने मोदी के अनोखे अंदाज से कांग्रेस के बीच कलह के बीच सिरोही जिले में हुई यह बैठक राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है.
प्रधानमंत्री शुक्रवार की रात करीब 10 बजे अंबाजी (गुजरात) से आबू रोड स्थित मानपुरा हवाईपट्टी पहुंचे. लेकिन उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर से भाषण देने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने इंतजार कर रहे लोगों से माफी मांगी और तीन बार सिर झुकाया. राजनीतिक रणनीति समझने वालों का मानना है कि पीएम ने चुनाव प्रचार का माहौल बनाया है. पीएम के इस दौरे को राजस्थान में चुनाव प्रचार की शुरुआत माना जा रहा है. भाजपा का मानना है कि पीएम की इस बैठक का उत्तरी गुजरात के अलावा दक्षिणी राजस्थान के आठ जिलों की करीब 38 सीटों पर भी असर पड़ेगा. यह भी पढ़ें : ECI Deputy Election Commissioner: चुनाव आयोग के उप चुनाव आयुक्त बनें अजय भादू, 1999 बैच के हैं IAS अधिकारी
प्रधानमंत्री के गुजरात दौरे को लेकर तय हुआ कि पीएम आबू रोड स्थित मानपुरा हवाईपट्टी से दिल्ली लौटेंगे. ऐसे में वहां पीएम के लिए स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस बीच राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर बड़ा मतभेद सामने आया है. ऐसे में तय हुआ कि इस स्वागत कार्यक्रम के बहाने राजस्थान में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया जा सकता है. कांग्रेस की अंदरूनी कलह के बीच यह संदेश दिया गया कि भाजपा पूरी तरह एकजुट है. यहां नेताओं के बीच कोई मनमुटाव नहीं है.
कार्यक्रम में राजस्थान के तीन केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनलाल मेघवाल और कैलाश चौधरी मौजूद थे. उनके अलावा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, प्रदेश संगठन महासचिव चंद्रशेखर, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ समेत राजस्थान भाजपा की पूरी कोर कमेटी भी मौजूद थी. उदयपुर के सांसद अर्जुनलाल मीणा, चित्तौड़गढ़ के सांसद सी.पी. जोशी, बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद कंकमल कटारा, पाली के सांसद पी.पी. चौधरी, जालोर-सिरोही के सांसद देवजी मानसिंहराम पटेल भी शामिल हुए. वहीं दक्षिणी राजस्थान के सभी विधायक और पूर्व विधायक यहां पहुंच गए.
इस कार्यक्रम से मोदी का संदेश उदयपुर और जोधपुर, दोनों संभागों तक पहुंच गया है. दिसंबर में होने वाले गुजरात चुनाव के साथ-साथ अगले साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव भी भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हैं. कांग्रेस की पायलट बनाम गहलोत की लड़ाई ऐसे समय में एक खुला रहस्य है, जब भाजपा में गुटबाजी भी उजागर हुई है. इसलिए पीएम ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भाजपा ऐसे समय में एकजुट है, जब कांग्रेस का राजनीतिक संकट जनता के सामने है.