स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का दीदार करने के लिए खर्च करने होंगे इतने रूपये, जानें टिकट के दाम
सरदार पटेल की गगनचुंबी प्रतिमा (Photo Credit-ANI)

सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति अपनी ऊंचाई को लेकर इतिहास रचने जा रही है, लेकिन जितनी ज्यादा इसकी ऊंचाई है, उतनी ही ज्यादा इसकी टिकट की रेट है. दुनिया की सबसे ऊंची इस प्रतिमा का उद्घाटन बुधवार को पीएम मोदी करने जा रहे हैं, उसके बाद आम आदमी इस मूर्ति तक पहुंच सकेगा. सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति अपनी ऊंचाई को लेकर इतिहास रचने जा रही है. दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा जो भारत के लिए पर्यटन की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण है. जिसे देखने के लिए दर्शकों को टिकट अदा करनी होगी.

विश्व की इस सबसे ऊंची इस गगनचुंबी और अनूठी मूर्ति को देखने का दाम भी आपको ऊंचा ही चुकाना पड़ेगा. इसका दीदार करने के लिए दो अलग-अलग प्रकार के टिकट बनाए गए हैं. जिसकी कीमत 150 रूपये और 380 रुपये है. यह मूर्ति गुजरात में सरदार सरोवर बांध से 3.2 किमी दूर साधू बेट नामक स्थान पर है जो कि नर्मदा नदी पर एक टापू है. इसके लिए आपको पहले नर्मदा जिले तक जाना होगा उसके बाद बस के माध्यम से आप सरदार पटेल की प्रतिमा तक पहुंच पाएंगे.

380 रूपये में क्या-क्या दिखेगा

सरदार पटेल की स्टैच्यु ऑफ यूनिटी के दो तरह के टिकट हैं. पहला टिकट 380 रुपए का है जिसमें बस किराया 30 रुपया शामिल है. इसमें सरदार पटेल की मूर्ति के सीने के पास बनाए गए दर्शन डेक के पास खड़े होकर प्रतिमा देखने का मौका मिलेगा. 182 मीटर ऊंची मूर्ति के 153 मीटर की ऊंचाई पर यह गैलरी बनाई गई है जिस जगह पर एक साथ 200 लोग खड़े हो सकते हैं. यहां तक ले जाने के लिए फास्ट लिफ्ट है. इसके अलावा 380 रुपए के इस टिकट में वैली ऑफ फ्लावर यानी फूलों की घाटी, मेमोरियल, संग्रहालय और सरदार सरोवर डैम को देखना शामिल है. 3 साल के कम उम्र के बच्चों का टिकट नहीं लगेगा जबकि उससे ज्यादा उम्र के सारे लोगों के लिए टिकट का रेट एक जैसा है.

150 रूपये में क्या-क्या दिखेगा

स्टैच्यु ऑफ यूनिटी का दूसरा टिकट 150 रुपए है का है जिसमें 30 रुपया बस का किराया है. ये टिकट भी 3 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए फ्री है. इस टिकट को खरीदने वाले पटेल की मूर्ति की छाती की ऊंचाई पर बनाए गए दर्शन गैलरी के अलावा बाकी सब कुछ देख सकते हैं.

मूर्ति निर्माण में खर्च हुए हैं 3000 करोड़ रुपये

मूर्ति के निर्माण के लिए केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद अक्टूबर 2014 मेंलार्सन एंड टूब्रो कंपनी को ठेका दिया गया था. इसके निर्माण में करीब 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस मूर्ति में 4 धातुओं का उपयोग किया गया है जिसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी. स्टैच्यू में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है.