जम्मू, 29 मार्च : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने बुधवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश ने पिछले 3-4 वर्षों के दौरान विकास की शानदार गति बनाए रखी है. जम्मू-कश्मीर बजट 2023-24 पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि पिछले 10 महीनों के दौरान अब तक का सबसे अधिक 1,547.87 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है और पिछले तीन वर्षों के दौरान 500 स्टार्टअप सामने आए हैं. जम्मू-कश्मीर में 14.64 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि देखी गई है और पिछले वर्ष के दौरान टैक्स राजस्व में 31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. जम्मू-कश्मीर में कानून और व्यवस्था की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और इस साल सबसे अधिक 1.88 करोड़ पर्यटकों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया. जम्मू-कश्मीर, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई), अमृत सरोवर, स्वामित्व योजना, आजादी का अमृत महोत्सव, नशा मुक्त अभियान और नवीकरणीय ऊर्जा विकास जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए जम्मू-कश्मीर देश में शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से एक रहा है.
'माई यूथ माई प्राइड, हर दिन खेल हर एक के लिए खेल' के तहत इस साल लगभग 50 लाख युवाओं ने विभिन्न खेल गतिविधियों में भाग लिया है. डिजिटल जम्मू-कश्मीर पहल के तहत, ई-उन्नत पोर्टल के माध्यम से 445 ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. सभी ऑनलाइन सेवाओं को जम्मू-कश्मीर में लोक सेवा गारंटी अधिनियम से जोड़ा गया है. जिला स्तर पर सार्वजनिक सेवा वितरण का आकलन करने के लिए जिला सुशासन सूचकांक रखने वाले राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर पहला है. एस्पिरेशनल पंचायत डेवलपमेंट प्रोग्राम, एस्पिरेशनल ब्लॉक डेवलपमेंट प्रोग्राम और एस्पिरेशनल टाउन डेवलपमेंट प्रोग्राम तीन नई पहलें हैं जिन्हें जम्मू-कश्मीर में लागू किया जा रहा है. बेरोजगारी दर में मामूली कमी आई है. 33,426 पदों को भर्ती एजेंसियों को भेजा गया है. यह भी पढ़ें : Unemployment Allowance Scheme: इस राज्य के युवाओं को 1 अप्रैल से मिलेगा बेरोजगारी भत्ता, हर महीने खाते में आएंगे ढ़ाई हजार रुपये
25,450 सेलेक्शन किए गए हैं, जिसमें जम्मू-कश्मीर बैंक लिमिटेड के 2,436 सेलेक्शन शामिल हैं. लगभग 2,02,749 युवाओं को विभिन्न स्व-रोजगार योजनाओं के तहत कवर किया गया है और वर्तमान वर्ष के अंत तक 2,37,000 को कवर करने का लक्ष्य है. अगले साल लगभग तीन लाख सभी स्वरोजगार योजनाओं के तहत कवर किए जाएंगे. 2018-19 में 9228 कार्य, 2019-20 में 12,637 कार्य, 2020-21 में 21,943 कार्य और 2021-22 में 50,627 कार्य पूरे किए गए और इस वर्ष हमें 70,000 कार्य पूरे होने की उम्मीद है. यह पिछले तीन से चार वर्षों में जम्मू-कश्मीर में विकास की गति में प्रतिमान बदलाव है. एलजी सिन्हा ने कहा कि साल 2018 में 1500-1600 किलोमीटर के मुकाबले सड़क निर्माण लगभग दोगुना होकर 3,200 किलोमीटर हो गया.