Sand Art For Odisha Train Accident: सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक (Sand Artist Sudarsan Pattnaik) ने ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर पुरी समुद्र तट पर कलाकृति बनाई. इसके जरिए उन्होंने हादसे में जीवित बचे लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की. आपको बता दें कि ओडिशा ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 288 हो गई है, जबकि 56 गंभीर रूप से घायलों के साथ 747 लोग घायल हुए हैं. भारतीय रेलवे ने इसकी जानकारी दी है.
कौन हैं सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक
सुदर्शन पटनायक पुरी, ओडिशा के एक भारतीय रेत कलाकार हैं. वह दुनिया भर के समुद्र तटों पर बड़े पैमाने पर रेत की मूर्तियों के लिए जाने जाते हैं. उनके काम में अक्सर एक सामाजिक या पर्यावरण संदेश होता है, और उन्होंने अपनी कला का उपयोग जलवायु परिवर्तन, गरीबी और बाल श्रम जैसे मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया है. ये भी पढ़ें- Train Accident Death Toll: ओडिशा ट्रेन हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत, आपस में कैसे भीड़ गई तीन ट्रेनें ?
Eminent sand artist, Sudarsan Pattnaik's sand art at Puri beach 'praying for speedy recovery of survivors'#Odisha #Bahanaga #Balasore pic.twitter.com/r4sa9GqynH
— OTV (@otvnews) June 3, 2023
पटनायक ने 10 साल की उम्र में रेत की मूर्तियां बनाना शुरू कर दिया था. उन्होंने अपने पिता से कला सीखी, जो एक रेत कलाकार भी थे. पटनायक जल्दी ही अपनी प्रतिभा के लिए जाने गए, और उन्होंने अपने काम के लिए कई पुरस्कार जीते. 2014 में उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
पटनायक की रेत की मूर्तियां 35 से अधिक देशों में प्रदर्शित की गई हैं. उन्होंने फीफा विश्व कप, राष्ट्रमंडल खेलों और ओलंपिक खेलों जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए रेत की मूर्तियां भी बनाई हैं.
पटनायक सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए कला के उपयोग के प्रबल पक्षधर हैं. उनका मानना है कि महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करने के लिए कला एक शक्तिशाली उपकरण हो सकती है.