"शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का बांकी यही निशां होगा" जम्मू-कश्मीर के शोपियां (Shopian ) में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में शहीद लांसनायक नजीर अहमद वानी भारत सरकार ने अशोक चक्र ( Ashoka Chakra ) से सम्मानित करने का फैसला लिया है. शहीद लांसनायक नजीर अहमद वानी आतंकियों पर कहर बनकर टूट पड़े थे और 6 आतंकियों को ढेर कर दिया था. लेकिन इस ऑपरेशन में सेना का एक जवान लांसनायक नजीर अहमद वानी शहीद हो गए थे.
बता दें कि लांसनायक नजीर अहमद वानी (Lance Naik Nazir Ahmad Wani) एक जाबांज जवान थे. वानी 2004 में प्रादेशिक सेना की 162 वें बटालियन ( 34 Rashtriya Rifles) में शामिल हुए थे. उनकी वीरता को देखते हुए सेना की तरह से उन्हें साल 2007 में मेडल दिया गया था. जिसके बाद उन्हें दो बार अगस्त 2017 और 2018 में सेना मेडल से सम्मानित किया गया था. नजीर अहमद वानी के घर में पत्नी और दो बच्चे हैं और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2004 में टेरिटोरियल आर्मी से की थी.
A serving #IndianArmy officer consoling father of Lance Naik Nazir Ahmad of 34 Rashtriya Rifles, who lost his life fighting terrorists in #Shopian in Kulgam district of J&K. #IndianArmy #SalutingtheBraveheart #Braveheart @PIB_India @SpokespersonMoD pic.twitter.com/k2Yklmf1Ev
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) November 28, 2018
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कभी आतंकी थे लांस नायक नजीर वानी
मुठभेड़ में शहीद हुए लांस नायक नजीर अहमद वानी (38) कभी खुद खूंखार आतंकी थे. लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने आतंक की राह को छोड़ दिया और बंदूक उठाया तो देश के दुश्मनों के खिलाफ. वानी ने 2004 में भारतीय सेना ज्वाइन की और टेरिटोरियल आर्मी की 162वीं बटालियन से कॅरियर की शुरुआत की थी. शहीद लांस नायक नजीर अहमद वानी को भारतीय आर्मी ने सच्चा सैनिक बताया.