नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने नई मौद्रिक नीति (Monetary Policy) की घोषणा करने के दौरान आम जनता को राहत देते हुए सोने के बदले उसके कुल मूल्य का 90 प्रतिशत तक कर्ज देने की घोषणा की है. यानि की अब से गोल्ड लोन (Gold Loan) का अनुपात 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया गया है.
रिजर्व बैंक ने सोने के आभूषण तथा अन्य जेवरातों के मामले में उनके कुल मूल्य के समक्ष कर्ज के अनुपात को बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया है. आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, अब तक गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए सोने के आभूषण के बदले बैंक सोने के कुल मूल्य का 75 प्रतिशत ही कर्ज देते थे. अरबीआई का यह कदम कोविड-19 के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे घर-परिवारों को बड़ा सहारा देगा और उन्हें आर्थिक तंगी से उबरने में मदद करेगा. राहत उड़ानों में यात्रियों से 80 लाख रुपये से अधिक का सोना जब्त, दो गिरफ्तार
आखिरकार उद्योग और बैंक के शीर्ष अधिकारियों की मांग पर ध्यान देते हुये कंपनियों के लिये कर्ज पुनर्गठन सुविधा की घोषणा भी की गई है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि यह पुनर्गठन रिजर्व बैंक के 7 जून 2019 को जारी मितव्ययी रूपरेखा ढांचे के अनुरूप होगा. दास ने कहा कि दबाव झेल रहे एमएसएमई कर्जदारों के खाते यदि मानक खातों के तौर पर वर्गीकृत हैं तो वह भी रिण पुनर्गठन के पात्र होंगे. आरबीआई ने साथ ही स्टार्टअप्स को बैंक कर्ज के मामले में प्राथमिक क्षेत्र का दर्जा दिया है.
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने गुरुवार को समायोजी रुख बरकरार रखते हुए रेपो रेट चार फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया. रेपो रेट ब्याज की वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पावधि कर्ज देता है.
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "हम सतर्क और चौकन्ना रहेंगे और सामूहिक रूप से अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे. साहस और दृढ़ विश्वास से कोविड-19 से जीत होगी."