Ramadan 2020: इस्लामी कैलेंडर का सर्वाधिक पाक माह रमजान (Ramzan) महीना आज से शुरू हो गया है. मुस्लिम समुदाय को रमजान महीने का शिद्दत से इंतजार रहता है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है, जब रमजान के पाक माह के लिए मस्जिदों (Mosques) से लेकर घरों तक किसी भी तरह की तैयारियां नहीं दिखीं, वरना अब तक दुनिया की सारी मस्जिदों की साज-सज्जा हो चुकी होती है और वहां रौनक-सी छा जाती थी. यही नहीं इस बार तरावीह की नमाज में कुरान सुनाने के लिए भी हाफिज देश के दूसरे हिस्सों में नहीं जा सकेंगे, इन सबकी मुख्य वजह है कोरोना वायरस (Coronavirus) का खौफ! जिससे बचने लिए दुनिया भर में लॉकडाउन (Lockdown) चल रहा है. हांलाकि हालत को देखते हुए मुस्लिम समुदाय लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के नियम मानने के लिए तैयार है. अब प्रश्न उठता है कि क्या इस बार दुनिया भर में रमजान की रौनक कोविड-19 के अंधेरे में सिमट कर रह जायेगी. आइये देखें कैसा होनेवाला है इस बार का पाक रमजान?
कोविड-19 के बढ़ती महामारी को ध्यान में रखते हुए माना जा रहा है कि इस बार तमाम दरगाहों के आला हजरत समेत सभी मसलकों के मरकजों ने मन बना लिया है कि इस बार इंसानियत की रक्षा के लिए अलग तरीके से रमजान सेलीब्रेट करेंगे. सहरी, इफ्तार और तरावीह सब घरों के भीतर किया जायेगा. न सड़कों पर हुजूम होगा और ना ही तरावीह के लिए मस्जिदों में नमाजियों की लंबी-लंबी कतारें लगेंगी. परंपराओं के विपरीत दुआएं भी सामूहिक नहीं अकेले-अकेले मांगी जायेंगी. यह भी पढ़ें: Ramzan 2020: माह-ए-रमजान के पहले दिन लोगों ने घरों में नमाज और सहरी की रस्म अदा की, लॉकडाउन के चलते दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में दिखा सन्नाटा
मलाल तो है मगर जनहित के लिए जरूरी भी है
यद्यपि इस तरह के रमजान की कल्पना कभी किसी मुसलमान ने नहीं की थी. दिल्ली के वयोवृद्ध असलम भाई से इस संदर्भ में फोन पर बात होती है तो बड़े बुझे मन से कहते हैं, मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कभी इस तरह से भी रमजान मनायी जा सकती है. लेकिन हालात का तकाजा ही कुछ ऐसा है हमें घरों में ही ईद की सारी परंपराएं एवं खुशियां मनानी होंगी’. मुंबई स्थित गोरेगांव की एक गृहिणी सबा साउ कहती हैं, - देश-दुनिया की स्थिति को देखते हुए मेरा हर रोजेदारों से यही दरख्वास्त रहेगा कि मनुष्य और मानवता की रक्षा के लिए घरों पर इबादत कर अल्लाह से इस खराब वक्त को टालने की दुआ करें. हांलाकि बच्चे दुःखी हैं कि इस बार उन्हें ईद का मेला देखने की इजाजत नहीं मिलेगी. मस्जिद नहीं जा पाने का मलाल तो हर किसी को है.
रमजान और विश्व स्वास्थ्य संगठन
WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने रमजान के दौरान कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के मद्देनजर मुस्लिम समाज से निम्न बातों का खास ख्याल रखने की अपील की है.
- सामाजिक और धार्मिक समारोहों को रद्द करने पर गंभीरता से विचार किया जाए.
- धार्मिक और सामाजिक आयोजन सोशल और डिजिटल मीडिया, टीवी, रेडियो जैसे वैकल्पिक प्लेटफॉर्म पर करने का इंतजाम किया जा सकता है.
- अगर रमजान के लिए लिए लोगों को एक जगह जुटने की मंजूरी दी जाती है तो कोविड-19 के खतरे को कम करने के भी पुरजोर इंतजाम किए जाएं.
- बाजारों, दुकानों पर भीड़-भाड़ रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा जाये.
- रमजान के दौरान एक-दूसरे के अभिवादन के लिए अपने सीने पर हाथ रखने या सिर झुकाने जैसे व्यवहार को अपनाया जाये, ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके..
- कोविड -19 के लक्षणों वाले व्यक्तियों से रमजान के दौरान बाहर ना निकलने और लोगों से ना मिलने की गुजारिश की जाए.
- अधिक उम्र के बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को रमजान के दौरान घरों में रहने की एडवायजरी जारी की जाए. यह भी पढ़ें: Ramzan 2020: शुरू हो रहा है रहमतों-बरकतों का रमजान माह, रोजा रखने वाले रखें इन बातों का खास ख्याल
गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर इस्लाम धर्म के अनुयायियों से रमजान के पाक महीने में अपने घरों में रहकर अल्लाह की इबादत करने, नमाज पढ़ने, सहरी और इफ्तार जैसे तमाम रस्मों का अदा करने की अपील की गई है. इसके साथ ही लोगों से लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की गुजारिश भी की गई है.