विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों और आम लोगों के प्रयासों की सराहना करते हुए, एक्ट्रेस नंदिता दास (Nandita Das) ने गुरुवार 22 जनवरी को कहा कि देश भर में शाहीन बाग (Shaheen Bagh) जैसी और भी जगहें सामने आ रही हैं. दास ने लोगों द्वारा सीएए और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (National Register of Citizens) (एनआरसी) के खिलाफ होने पर भी बात की. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (Jaipur Literature Festival) (जेएलएफ) में गईं नंदिता दास ने कहा कि, "सरकार उन लोगों से भारत का नागरिक होने का सबूत मांग रही है, जो चार पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं. यह बहुत दुखद है. मुझे लगता है कि इसके बारे में सभी को बोलना चाहिए.
एक्ट्रेस ने कहा कि 'सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन "सहज" हैं और कोई भी राजनीतिक दल इसमें शामिल नहीं है. दास ने कहा, "ये छात्रों और आम लोगों द्वारा किया जा रहा है. युवाओं ने देश में एक उम्मीद पैदा की है. हर दूसरी जगह अब शाहीन बाग बन रहा है और मुझे लगता है कि हमें इन कानूनों के खिलाफ बोलना चाहिए." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक मंदी, बढ़ती बेरोजगारी दर और अब सीएए और एनआरसी के साथ, देश दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया है "लोगों को धर्म के आधार पर विभाजित किया जा रहा है" लगभग 50 में हमें कभी इस तरह की बेरोजगारी नहीं देखी है. अर्थव्यवस्था नीचे जा रही है. अंतर्राष्ट्रीय समाचार पत्र जो हो रहा है उसके बारे में लिख रहे हैं. यह पहली बार है जब हम धार्मिक तर्ज पर विभाजित हो रहे हैं.
देखें ट्वीट:
Actor Nandita Das in Jaipur: Har jagah ab Shaheen bagh ban rahe hain kyunki itne saare log ab sadak par aa gaye hain. Har ek naagrik, ek insaan ke hisaab se, hum sabko iske khilaaf bolna chahiye. Iss desh ki jo values, buniyaad hai use sambhalkar rakhna chahiye https://t.co/V6c6wvdpYP
— ANI (@ANI) January 23, 2020
नादिता दास ने कहा,' हमारे संविधान ने हमें समानता का अधिकार दिया है. आप किसी भी जाति, लिंग या धर्म के हो सकते हैं, लेकिन भारतीय संविधान के अनुसार आप समान हैं और यदि आप उस समानता में विश्वास करते हैं, तो आप किसी भी प्रकार का अलगाव नहीं देखना चाहेंगे'. उन्होंने ये भी कहा कि ये बहुत बड़ी बात है कि फिल्म फटर्निटी के लोगों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ जोरदार बात की.