किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों और केंद्र के बीच बातचीत बेनतीजा होने के 24 घंटे से भी कम समय के अंदर, 29 संगठनों से संबंध रखने वाले किसानों ने गुरुवार को कहा कि वे अपने अहिंसक आंदोलन में तेजी लाएंगे और 17 अक्टूबर को संसद द्वारा पारित तीन किसान कानूनों के विरोध में राज्यव्यापी प्रदर्शन करेंगे. समूहों ने घोषणा कर कहा कि वे राज्य भाजपा नेताओं के आवास के बाहर धरना देंगे और इसके अलावा ट्रेनों को रद्द करने और टोल प्लाजा के पास सड़को को ब्लॉक करने का काम जारी रहेगा.
किसान यूनियन के एक प्रवक्ता ने यहां मीडिया से कहा, "17 अक्टूबर को पंजाब में राज्यव्यापी प्रदर्शन होगा. हमारा रेल रोको और टोल प्लाजा का घेराव करने के प्रदर्शन में तेजी आएगी. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला भी फूंका जाएगा." प्रवक्ता ने कहा कि इसके अलावा दो बड़े कॉरपोरेट घरानों के पेट्रोल पंपों को भी संचालन की इजाजत नहीं होगी.
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इससे पहले किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल की केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल के साथ एक बैठक हुई थी, जिसमें किसानों ने बैठक में मंत्री की उपस्थिति की मांग की और वॉक आउट कर गए. साथ ही किसान प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र पर दोहरे मापदंड अपनाने का अरोप लगाया.
उन्होंने कहा, "अगर जरूरत पड़ी तो हम पंजाब के राज्यपाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी घेराव करेंगे." प्रवक्ता ने कहा कि प्रदर्शन में आगे की रणनीति पर चर्चा अब 20 अक्टूबर को होगी.