चंडीगढ़: पंजाब (Punjab) में बढ़ते वायू प्रदूषण (Air Pollution) के मद्देनजर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत पंजाब की सड़कों से पंद्रह साल से ज्यादा पुराने तिपहिया वाहनों को हटाया जाएगा. इन वाहनों को इलेक्ट्रिक और सीएनजी (CNG) द्वारा संचालित बनाया जाएगा. पंजाब के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने एक आदेश भी जारी कर दिया है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक पंजाब सरकार वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ‘तंदुरुस्त पंजाब मिशन’ (Tandrust Punjab Mission) के तहत पंद्रह साल से अधिक पुराने तीन-पहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक व सीएनजी में बदलेगी. दरअसल राज्यभर में बड़ी संख्या में 15 साल से पुराने तिपहिया वाहन सड़कों पर दौड़ रहे है, जिससे हवा में जानलेवा धुआं मिल रहा है. झारखंड का झरिया सबसे प्रदूषित शहर, दिल्ली में प्रदूषण में मामूली कमी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सूबे की सरकार पंजाब मोटर व्हीकल एक्ट-1989 के नियमों में जरुरी बदलाव कर 15 साल से अधिक समय से चलने वाले गैर-इलेक्ट्रिक और गैर-सीएनजी संचालित तिपहिया वाहनों को पूरी तरह से हटाया जाएगा. इस काम में ट्रैफिक पुलिस, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, ट्रांसपोर्ट विभाग आदि डिपार्टमेंट शामिल किए जाएंगे.
पंजाब सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, इन वाहनों की जगह अब इलेक्ट्रिक या कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) इंजन वाले वाहन सड़कों पर उतारे जाएंगे. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पहले ही अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब और मोहाली जिलों में डीजल या पेट्रोल से चलने वाले नए तिपहिया वाहनों के पंजीकरण पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही पटियाला और बठिंडा जिलों में ऑटो पर प्रतिबंध लगाया गया है.