नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर गुरुवार को हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा है. इस जघन्य हमले का मुहतोड़ जवाब देने की मांग उठ रही है. इस बीच केंद्र सरकार ने भी सेना को कार्यवाई की खुली छुट दे दी है. साथ ही आतंकियों को माकूल जवाब देने के लिए सरकार और सेना लगातार विशिष्ट रणनीति पर काम कर रही है. इसको लेकर शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है.
जानकारी के मुताबिक सरकार ने पुलवामा हमले को लेकर देश की सभी पार्टियों की एक बैठक बुलाई है. यह बैठक गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुलायी है और सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियों को इसके लिए आमंत्रण भेज दिया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि सभी पार्टियों को पुलवामा में हुए हमले और सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी दी जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक में सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने का फैसला किया गया था. इस हमले से भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण कूटनीतिक संबंधों को और नुकसान पहुंचा है.
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केंद्र सरकार ने कहा कि इस हमले में इस्लामाबाद की संलिप्तता को लेकर उसके पास सबूत है. भारत ने पाकिस्तान से तरजीही राष्ट्र का दर्जा वापस ले लिया है, जोकि पाकिस्तान को विश्व व्यापार संगठन के तहत भारत ने 1996 में प्रदान किया था. पाकिस्तान ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया है.
उधर, पाकिस्तानी आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद (जेएएम) द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले किए जाने की दुनियाभर में कड़ी निंदा की गई है. इस आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 45 जवान शहीद हो गए.