फॉर्मर मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) द्वारा पुलिस ट्रांसफर भ्रष्टाचार मामले में महाराष्ट्र (Maharashtra) के सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे गए विवादास्पद लेटर की बात सामने आने के बाद एक के बाद एक खुलासे होते जा रहे हैं. परमबीर सिंह ने अपने लेटर में राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी है, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है.
मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर एंटीलिया के पास बम कांड से जुड़े मामले में मुंबई पुलिस के टॉप एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वज़े की गिरफ्तारी के बाद 17 मार्च को परमबीर सिंह का लो की होमगार्ड (low-key Home Guards) में ट्रांसफर कर दिया गया. लेटर में परमबीर सिंह ने कहा कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है. सिंह ने अपने आठ पन्नों के पत्र में दावा किया कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने एएसआई सचिन वज़े को होटल्स और बार से 100 करोड़ रुपये मासिक वसूलने के लिए कहा था.
देखें ट्वीट:
Before Param Bir Singh, Maharashtra DG Subodh Jaiswal had submitted a report to Maharashtra Chief Minister regarding corruption over police transfers. But CM didn't act on it. Hence, DG Jaiswal had to resign from his post: Maharashtra LoP Devendra Fadnavis pic.twitter.com/6kgxNMF5JA
— ANI (@ANI) March 21, 2021
अभी ये मामला ख़त्म नहीं हुआ था कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेन्द्र फड़नवीस ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि परम बीर सिंह से पहले महाराष्ट्र के डीजी सुबोध जायसवाल (Subodh Jaiswal) ने पुलिस ट्रांसफर पर भ्रष्टाचार के बारे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को एक रिपोर्ट सौंपी थी. लेकिन सीएम ने इस पर कार्रवाई नहीं की, इसलिए, डीजी जायसवाल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा, देवेंद्र फड़नवीस ने एएनआई को बताया.
वहीं परमबीर सिंह द्वारा लिखे लेटर में लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए देशमुख ने ट्वीट किया कि पूर्व मुंबई पुलिस प्रमुख ने एसयूवी मामले में कार्रवाई और मनसुख हिरेन की मौत से संबंधित मामले में खुद को बचाने के लिए उन पर झूठे आरोप लगाए हैं.