नई दिल्ली: पॉर्न वेबसाइटस पर बैन की माथापच्ची काफी लंबे समय से चल रही है. दरअसल सस्ते डेटा और 4G सेवाओं के कारण युवाओं में पॉर्न का क्रेज काफी बढ़ता जा रहा है. इस कड़ी में उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए देश के भीतर सभी तरह के पॉर्न सामग्री देने वाले 827 अश्लील वेबसाइट को बैन कर दिया. इस मामले में कड़ी प्रतिक्रया देते हुए पॉर्नहब के वाइस प्रेसिडेंट कोरे प्राइस ने कहा कि इस कदम से लोग खुश नहीं है. कनाडा बेस्ड एडल्ट एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स के वीपी ने बताया कि “पॉर्न वेबसाइट बैन किए जाने से भारत के लोगों में असंतोष है”.
कोरे प्राइस ने कहा कि यह फैसला बहुत जल्दबाजी में किया गया. भारत पॉर्नहब के ट्रैफिक का तीसरा सबसे बड़ा देश है. उन्होंने जवाब में लिखा है कि भारत में पॉर्नहब की अलेक्सा रैंकिंग 29 है और पॉर्नहब सबसे ज्यादा देखी जाने वाली एडल्ट एंटरटेनमेंट वेबसाइट है. प्राइस ने कहा कि भारत में पॉर्नोग्राफी और एडल्ट कन्टेंट रोकने के लिए कोई ठोस कानून नहीं है. उन्होंने कहा पॉर्नहब विश्व का एकलौता सबसे बड़ा एडल्ट एंटरटेनमेंट वेबसाइट है. इस पर बैन लगाना ठीक नहीं हैं.
एडल्ट साइट्स को बनाया जा रहा है बलि का बकरा
प्राइस ने कहा कि यह स्पष्ट है कि भारत सरकार के पास एडल्ट कंटेंट रोकने की समस्या को दूर करने के लिए कोई स्थाई समाधान नहीं है और हमारे जैसी एडल्ट साइट्स को बैन कर बलि का बकरा बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम इस बैन में भारत सरकार के खिलाफ हैं. इतना ही नहीं उन्होंने डर जताते हुए कहा कि सरकार द्वारा पॉर्नहब बैन किए जाने के बाद भारतीय यूजर एडल्ट कंटेंट को खोजते हुए अवैध कंटेंट वाली रिस्की वेबसाइट्स तक पहुंच सकते हैं.