राजधानी में प्रदूषण स्तर अब भी खतरनाक, दिल्ली में 11 नवबंर तक ट्रकों की एंट्री पर बैन
राजधानी में प्रदूषण स्तर अब भी खतरनाक (Photo Credit-PTI/ANI)

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है. दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करके पटाखे चलाए जाने के बाद राजधानी दिल्ली की हवा और अधिक जहरीली हो गयी. दिवाली से ही लोगों को सांस लेने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि गुरुवार को कई इलाकों में पानी के छिड़काव के बाद मामूली राहत जरुर मिली है, लेकिन दिल्ली की हवा अभी भी पहले जैसी जहरीली ही बनी हुई है. दिवाली के बाद से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तथा एनसीआर में प्रदूषण गंभीर स्तर को पार कर आपात स्तर तक पहुंच गया है.

दिल्ली की हवा में सुधार लाने के लिए राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है. राज्य में वायु प्रदुषण की खतरनाक स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार सुबह भी धुंध छायी रही और सुबह प्रदूषण की वजह से साफ साफ कुछ भी नजर नहीं आ रहा है. दिवाली के बाद दिल्ली का प्रदूषण स्तर पिछले साल की तुलना में करीब दो गुना रहा. गुरुवार को को एक्यूआई 642 के आंकड़े पर दर्ज किया गया जबकि साल 2017 में (दीवाली के अगले दिन) एक्यूआई 367 पर जबकि 2016 में 425 पर दर्ज किया गया था.

दिल्ली के आनंद विहार में शुक्रवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 585, अमेरिकी दूतावास के आसपास के इलाकों में 467 और आरके पुरम में 343 रही. यह सभी इलाके एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एआईक्यू की 'खतरनाक' श्रेणी में हैं. यह भी पढ़ें- दिवाली बाद गैस चैंबर बनी दिल्ली, हवा में फैले जहर को कम करने के लिए पानी का छिड़काव कराया

दिवाली में पटाखों के अंधाधुंध जलने से मौसम की स्थानीय स्थितियों के जहरीले मिश्रण के कारण राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर अत्यंत गंभीर हो गया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में पर्यावरण अनुकूल पटाखों की बिक्री और निर्माण की अनुमति दी थी और आतिशबाजी के लिए दो घंटे का समय तय किया था. हालांकि आदेश का उल्लंघन करते हुए लोगों ने रात आठ से दस बजे तक की समयसीमा के दो घंटे बाद मध्यरात्रि तक पटाखे चलाए.

ट्रकों पर प्रतिबंध

दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने गुरुवार को रात 11 बजे से 11 नवंबर को रात 11 बजे तक शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकार ने कहा कि वह स्थिति पर गौर कर रहा है और अगर प्रदूषण का स्तर बढ़ता है तो आपातकालीन उपाय किए जाएंगे. इन उपायों में निजी वाहनों के लिए ऑड इवनओड योजना शामिल है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुरुवार रात को सिंधु बॉर्डर पर भारी और मध्यम श्रेणी के वाहनों की जांच की गई और ऐसी गाड़ियों को दिल्ली की सीमा पर ही रोक लिया गया या उन्हें लौटा दिया गया. भारी और मध्यम श्रेणी के उन वाहनों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति प्रदान की गई जो फल, सब्जी, अनाज या आवश्यक वस्तुएं लेकर आ रहे थे अन्यथा उन्हें बॉर्डर से लौटा दिया गया.'