नई दिल्ली: दिवाली के एक दिन बाद राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता बद से बदतर हो गई है. बुधवार को दिल्ली में इस साल की सबसे खराब गुणवत्ता वाली हवा दर्ज की गई है. इसका प्रमुख कारण लोगों का सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर बड़े पैमाने पर आतिशबाजी करना माना जा रहा है. इस वजह से राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर अत्यंत गंभीर और आपातकालीन श्रेणी में आ गया है.
हवा में फैले जहर को कम करने के लिए दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) ने आज कई इलाकों में पानी का छिड़काव करवाया. जिससे धूल के कणों को हवा में उड़ने से रोका जा सके. एक अधिकारी ने बताया कि, इस स्थिति से निपटने के लिए विभाग के कर्मियों ने आईटीओ, रोहिणी, द्वारका, रिंग रोड और राष्ट्रीय राजधानी के अन्य इलाकों में पानी का छिड़काव किया है.
केंद्र द्वारा संचालित सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के मुताबिक, पटाखों से पैदा हुए धुएं सहित अन्य कारणों से दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 574 तक चला गया जो ‘‘अत्यंत गंभीर और आपातकालीन’’ श्रेणी में आता है.
अधिकारियों ने बताया कि बड़े पैमाने पर हुई आतिशबाजी के कारण समूची राष्ट्रीय राजधानी में धुएं की मोटी परत पढ़ गई है और दृश्यता में काफी कमी आ गई है.
Delhi: Workers of Public Works Department (PWD) sprinkle water in Anand Vihar area to settle the dust as a pollution control measure. pic.twitter.com/DsD88wp9oJ
— ANI (@ANI) November 8, 2018
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का घोर उल्लंघन करते हुए कई शहरों में लोगों ने कम से कम रात 12 बजे तक आतिशबाजी की, जबकि शीर्ष न्यायालय ने पटाखे जलाने के लिए रात 10 बजे तक की समयसीमा तय कर रखी थी. नई दिल्ली में कई घंटे तक पटाखों की तेज आवाज सुनाई देती रही.
#Delhi's Anand Vihar at 999, area around US Embassy, Chanakyapuri at 459 & area around Major Dhyan Chand National Stadium at 999, all under 'Hazardous' category in Air Quality Index (AQI) pic.twitter.com/QX7z5UYOl9
— ANI (@ANI) November 8, 2018
मुंबई, कोलकाता, जयपुर एवं अन्य प्रमुख शहरों में भी न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होते देखा गया. हाल में दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ हरित पटाखों के निर्माण और बिक्री की इजाजत दी है, क्योंकि इसमें कम रोशनी, कम आवाज और कम नुकसानदेह रसायन निकलते हैं. न्यायालय के आदेश का पालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी गई थी जो कि पूरी तरह से विफल साबित हुई.
वायु गुणवत्ता सूचकांक क्या है-
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई (Air Index Level) को अच्छा माना जाता है, 51 और 100 के बीच इसे संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम माना जाता है, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच काफी खराब और 401 और 500 के बीच इसे अत्यंत गंभीर माना जाता है.
वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अत्यंत गंभीर और आपातकालीन’ श्रेणी में होने का मतलब है कि ऐसी हवा में ज्यादा समय तक सांस लेने से स्वस्थ व्यक्ति भी श्वसन संबंधी बीमारियों का शिकार हो सकता है. यह हवा उनके शरीर के अंगों को गंभीर रूप से प्रभावित करती है.