शाहदरा संपत्ति विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली गुरुद्वारे पर वक्फ बोर्ड का दावा खारिज किया
सुप्रीम कोर्ट (Photo: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली के शाहदरा इलाके में स्थित एक गुरुद्वारे की जमीन पर मस्जिद होने का दावा किया गया था. कोर्ट ने साफ कहा कि वहां अब एक संपूर्ण रूप से कार्यरत गुरुद्वारा है, ऐसे में वक्फ बोर्ड को स्वेच्छा से अपना दावा छोड़ देना चाहिए था.

क्या था मामला? 

वक्फ बोर्ड का कहना था कि शाहदरा में जिस संपत्ति पर अब गुरुद्वारा बना है, वहां पहले "मस्जिद ताकिया बब्बर शाह" नाम की एक पुरानी मस्जिद थी और वह जमीन धार्मिक उद्देश्य के लिए वक्फ की संपत्ति थी. लेकिन इसके खिलाफ मकान मालिक के उत्तराधिकारी ने कोर्ट में दलील दी कि यह वक्फ की संपत्ति नहीं है, बल्कि इसे उनके पूर्वज मोहम्मद अहसान ने 1953 में बेचा था.

पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने किया था दावा खारिज

साल 2010 में दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि वक्फ बोर्ड को खुद अपने दावे को साबित करना चाहिए, केवल यह कहना कि सामने वाला अपने मालिकाना हक के कागज़ नहीं दिखा पाया, इससे वक्फ बोर्ड का पक्ष मजबूत नहीं होता.

सुप्रीम कोर्ट की दो टूक टिप्पणी

जस्टिस संजय करोल और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा – "जब वहां एक पूरी तरह से सक्रिय गुरुद्वारा है, तो इसे वैसे ही रहने देना चाहिए. वक्फ बोर्ड को स्वयं ही इस पर दावा छोड़ देना चाहिए था."

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड की अपील खारिज कर दी, जिससे अब यह स्पष्ट हो गया है कि शाहदरा की वह संपत्ति गुरुद्वारे के उपयोग में ही बनी रहेगी और वक्फ बोर्ड का उस पर अब कोई दावा नहीं है.