कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग (Election Commission) तैयारियों में जुट गया है. जबकि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है. एक ओर बीजेपी सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का गढ़ भेदने के लिए मजबूत रणनीति के तहत बिसात लगा रही है. तो वहीं बीजेपी (BJP) को परास्त करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की अगुवाई में टीएमसी (TMC) के तमाम नेता सक्रिय हो गए हैं. भले ही पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन तब भी राज्य में बड़े पैमाने पर प्रचार अभी से शुरू हो गया है. West Bengal: बंगाल दौरे पर किसान के घर लंच कर संदेश देंगे गृहमंत्री अमित शाह
पश्चिम बंगाल के आगामी चुनाव के लिए तैयारियों का जायजा लेने के लिए उप-चुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने जिले के अधिकारियों के साथ आज (17 दिसंबर) अहम बैठक की. मिली जानकारी के मुताबिक बीती रात कोलकाता पहुंचे जैन अगले दो दिनों तक सरकार के अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे. माना जा रहा है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सुरक्षा उपायों की जरूरत संबंधी जानकारी भी वह हासिल करेंगे. इसके लिए राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ भी समन्वय स्थापित किया जायेगा.
उधर, विपक्षी दल बीजेपी ने दावा किया है कि राज्य में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की जानी चाहिए, क्योकि राज्य प्रशासन चुनाव में पक्षपात कर सकता है. जबकि टीएमसी इसे बीजेपी के भावी हार का बहाना बता रही है. हालांकि बीजेपी ने अपने चुनाव अभियान को युद्ध स्तर पर शुरू किया हुआ है. अभी से ही केंद्रीय मंत्रियों, एक उपमुख्यमंत्री और कई केंद्रीय नेताओं को विभिन्न मोर्चों पर तैनात किया है. खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस हफ्ते राज्य का दौरा करने वाले है. रिपोर्ट्स के अनुसार बीजेपी आलाकमान ने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, संजीव बालियान, प्रह्लाद पटेल, अर्जुन मुंडा और मनसुख भाई मांडविया के आलावा उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और मध्य प्रदेश सरकार में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी पश्चिम बंगाल में जिम्मेदारी सौंपी है. 19 दिसंबर को अमित शाह तमाम बीजेपी नेताओं के साथ एक बैठक करेंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी अभी तक कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाई है लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की 18 सीटों पर मिली जीत से भगवा पार्टी के हौंसले बुलंद हैं और वह तृणमूल कांग्रेस के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभर कर सामने आई है. बीजेपी को इस बार के विधानसभा चुनाव से काफी उम्मीदें है. यहां भी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व किसी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए बगैर चुनाव मैदान में उतरने के पक्ष में दिख रहा है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए अगले साल अप्रैल-मई में चुनाव होने की उम्मीद है. वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल मई 2021 में खत्म हो रहा है. 2016 में 4 अप्रैल से 5 मई तक कुल छह चरणों में विधानसभा चुनाव हुए थे. तब कुल 294 में से 211 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस लगातार दूसरी बार सत्ता में आई थी.