तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी और डिप्टी सीएम ने प्रियंका गांधी से की मुलाकात, वायनाड उपचुनाव में जीत पर दी बधाई
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नई दिल्ली, 26 नवंबर : तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और उप मुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने मंगलवार को कांग्रेस महासचिव और केरल की वायनाड सीट से नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने प्रियंका गांधी को वायनाड लोकसभा उपचुनाव में मिली प्रचंड जीत पर बधाई दी और शुभकामनाएं दी.

बता दें कि केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भारी अंतर से जीत दर्ज की है. उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को 4,10,931 वोटों के भारी अंतर से हराया है. प्रियंका गांधी को 6,22,338 और सत्यन मोकेरी को 2,11,407 वोट मिले हैं. वहीं, भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास 1,09,939 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं. यह भी पढ़ें : देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय को ‘अभूतपूर्व खतरों’ का सामना करते देखना ‘निराशाजनक’: महबूबा

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हालिया लोकसभा चुनाव में 3.65 लाख वोटों से वायनाड में जीत दर्ज की थी. जबकि उनकी बहन प्रियंका गांधी ने 4,10,931 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है.

वायनाड में मतदाताओं का अपार समर्थन मिलने पर शनिवार को प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा था, "मेरे प्यारे वायनाड की बहनें और भाइयों, मैं आपके द्वारा मुझे दिए गए विश्वास से अभिभूत हूं. मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि समय के साथ आपको यह महसूस हो कि यह जीत आपकी जीत है और जिस व्यक्ति को आपने अपना प्रतिनिधि चुना है, वह आपके सपनों और आकांक्षाओं को समझता है और आपके लिए लड़ता है, जैसे कि वह आपका अपना हो."

प्रियंका ने आगे कहा था, "इस सम्मान के लिए मैं आपका धन्यवाद करती हूं और उससे भी अधिक, जो अपार प्रेम आपने मुझे दिया है." प्रियंका गांधी ने अपने सहयोगियों, यूडीएफ (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) के नेताओं, केरल भर के कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों को भी धन्यवाद दिया था. उन्होंने उन सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा था कि इस चुनावी अभियान में जिन्होंने कड़ी मेहनत की.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में दो सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ा था और दोनों ही सीटों पर विजय प्राप्त की थी. हालांकि, बाद में उन्होंने लोकसभा में रायबरेली सीट से प्रतिनिधित्व करने का निर्णय लिया. इस फैसले के बाद वायनाड सीट खाली हो गई, जिस पर 13 नवंबर को उपचुनाव आयोजित किए गए थे.