संविधान दिवस 2024 के मौके पर कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. इस बार उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नमस्ते न करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस घटना को अपने आरोपों का आधार बनाते हुए दावा किया है कि राहुल गांधी ने राष्ट्रपति मुर्मू को इसलिये नमस्ते नहीं किया क्योंकि वे आदिवासी समुदाय से हैं.
यह विवाद संसद भवन में संविधान दिवस समारोह के दौरान हुआ. यह समारोह भारतीय संविधान को अंगीकार किये जाने के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था. संविधान को 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था.
इस वीडियो में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जो अन्य गणमान्य व्यक्तियों जैसे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ समारोह में मौजूद थीं, उपस्थित जनसमूह का अभिवादन करती हुई नजर आ रही हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी भी मंच पर उपस्थित नेताओं में शामिल थे.
वीडियो में देखा जा सकता है कि सभी नेता, जिनमें राहुल गांधी भी शामिल हैं, जनसमूह का अभिवादन करते हैं. लेकिन जैसे ही राष्ट्रपति मुर्मू का अभिवादन करने का समय आता है, राहुल गांधी अन्य नेताओं से थोड़ा अलग हो जाते हैं और एक बिंदु पर रुकते हुए मुर्मू से मुलाकात नहीं करते.
Congress always disrespects President Smt Droupadi Murmu ji, because she is the first Tribal woman to occupy the highest office of the land. Rahul Gandhi and family despise SC, ST and OBCs. It shows. pic.twitter.com/CR3v8pAioL
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 26, 2024
बीजेपी नेताओं और सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस घटना का वीडियो साझा किया है और इसे राहुल गांधी का राष्ट्रपति मुर्मू का "अपमान" करार दिया है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इस वीडियो को साझा करते हुए ट्वीट किया, "राहुल गांधी का यह व्यवहार राष्ट्रपति मुर्मू के प्रति घोर असम्मान है." कई यूज़र्स ने भी इसे राहुल गांधी की अनजाने में की गई गलती नहीं, बल्कि जानबूझकर की गई हरकत बताया.
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है. कुछ यूज़र्स ने तो इसे 'पावर मूव' के रूप में देखा, जबकि कुछ का कहना था कि राहुल गांधी को यह स्थिति समझ में नहीं आई. एक यूज़र ने लिखा, "ये नहीं सुधरने वाला."
हालांकि, जब इस घटना पर राहुल गांधी की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई, तब तक यह पुष्टि नहीं हो पाई कि क्या उन्होंने कैमरे के बाहर राष्ट्रपति से मुलाकात की थी या नहीं.
यह घटना, जो संसद के भीतर हुई, न केवल राजनीति में एक नए विवाद को जन्म दे रही है, बल्कि संविधान दिवस पर भी एक अनचाहा ध्यान आकर्षित कर रही है. भारतीय राजनीति में इस तरह की घटनाएं अक्सर बड़ी बहसों का कारण बनती हैं, और यह मामला भी इससे अलग नहीं है.