नई दिल्ली. पहलू खान मॉब लिंचिंग (Pehlu Khan Mob lynching case) मामले में अलवर की अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी करने के फैसले के बाद अब राजस्थान सरकार पूरी तरह से एक्शन में दिख रही है. इससे पहले अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने इस मामले की जांच को लेकर एसआईटी का गठन किया है. वही आज इस पुरे मसले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि साल 2017 में राजस्थान (Rajasthan) के अलवर में हुए पहलू खान (Pehlu Khan) मॉब लिंचिंग मामले पर चर्चा की गई. पिछली सरकार की लापरवाही की कल्पना नहीं की जा सकती है. इसलिए सबूतों के अभाव में और संदेह का लाभ देते हुए आरोपियों को कोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया था.
बता दें कि साल 2017 में भीड़ ने गो-तस्करी के शक में पहलू खान (Pehlu Khan) की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. कोर्ट ने इस मामले में सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था. एक अप्रैल 2017 को हरियाणा के नूंह मेवात ज़िले के निवासी पहलू खान जयपुर से दो गाय खरीद कर अपने घर ले जा रहे थे. यह भी पढ़े-अलवर मॉब लिंचिंग: पहलू खान केस पर आए फैसले के खिलाफ अपील करेगी राजस्थान की गहलोत सरकार
Rajasthan Chief Minister & Congress leader, Ashok Gehlot: Pehlu Khan case (2017 Alwar lynching) was discussed, the negligence by the earlier government cannot be imagined, that is why accused were given the benefit of doubt by the court and were acquitted. pic.twitter.com/ESIKNWsDnc
— ANI (@ANI) August 18, 2019
गौरतलब है कि पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले (Pehlu Khan Mob lynching case) में पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थी. एक एफआईआर पहलू खान (Pehlu Khan) की हत्या के मामले में 8 लोगों के खिलाफ और दूसरी बिना कलेक्टर की अनुमति के मवेशी ले जाने पर पहलू और उसके परिवार के खिलाफ हुई थी. दूसरे मामले में पहलू खान (Pehlu Khan) और उसके दो बेटों के खिलाफ अब चार्जशीट दाखिल की गई थी. पहलू खान (Pehlu Khan) की मौत हो चुकी है ऐसे में उनके खिलाफ तो केस बंद हो जाएगा, लेकिन उनके बेटों के खिलाफ केस चलेगा.