इस्राएल और हिज्बुल्लाह के बीच सीधी लड़ाई की आंशकाएं प्रबल होती जा रही हैं. तुर्की के राष्ट्रपति की चेतावनी बता रही है ये संघर्ष कितने बड़े युद्ध में बदल सकता है.तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान ने इस्राएल को सैन्य दखल की सीधी चेतावनी दी है. रविवार को ब्लैक सी के पास अपनी सत्ताधारी पार्टी के एक कार्यक्रम में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोवान ने कहा, "जैसे हम काराबाख में घुसे, जैसे हम लीबिया में दाखिल हुए, ऐसा ही हम उनके साथ भी कर सकते हैं."
एर्दोवान ने इस्राएल पर 7 अक्टूबर को घातक हमला करने वाले फलीस्तीनी इस्लामिक संगठन, हमास को एक "आजादी से जुड़ा ऑर्गनाइजेशन" भी करार दिया. गाजा में अक्टूबर 2023 से जारी इस्राएली सैन्य कार्रवाई के बाद से ही नाटो सदस्य देश तुर्की और इस्राएल के रिश्ते बेहद बुरा दौर देख रहे हैं. इस्राएल की सैन्य कार्रवाई का असर पूरे मध्य पूर्व और अरब जगत पर दिख रहा है.
युद्ध की आशंकाएं कैसे उपजीं
इस बीच अब एक नया विवाद एक हिंसक संघर्ष का एक मोर्चा खोल रहा है. 27 जुलाई को इस्राएली नियंत्रण वाली गोलान पहाड़ियों पर एक रॉकेट हमला हुआ. मजदल शम्स कस्बे के एक फुटबॉल स्टेडियम पर हुए इस हमले में 12 बच्चों और किशोरों की मौत हो गई.
इस्राएली नियंत्रण वाले इलाके में 7 अक्टूबर 2023 के बाद यह सबसे बड़ा हमला है.
अक्टूबर में हुए हमास के हमले में करीब 1,200 लोगों की मौत हुई. उस हमले के बाद से ही इस्राएल गाजा में फलीस्तीनी आतंकी संगठन हमास के खिलाफ युद्ध छेड़े हुए है. इस युद्ध में अब तक 39 हजार से लोगों की मौत हो चुकी है. लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं.
इस्राएल का आरोप है कि मजदल शम्स पर रॉकेट हमला ईरान समर्थित लेबनानी गुट हिज्बुल्लाह ने किया है. हिज्बुल्लाह ने इन आरोपों का खंडन किया है. लेकिन इस हमले के बाद, 28 जुलाई को इस्राएल की सुरक्षा कैबिनेट ने सरकार को जबावी हमला करने का अधिकार दे दिया.
इस्राएल का डर
इस बीच इस्राएल के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने कहा है कि इस्राएल कुछ दिनों की लड़ाई के जरिए हिज्बुल्लाह को सबक सिखाने की तैयारी कर रहा है.
सोमवार को इस्राएली ड्रोन ने दक्षिणी लेबनान में हमला किया. लेबनान की नेशनल न्यूज एजेंसी (एनएनए) के मुताबिक, इस हमले में दो लोगों की मौत हो चुकी है और तीन जख्मी हैं. इस्राएली सेना ने फिलहाल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
गाजा में इस्राएल की सैन्य कार्रवाई में आम लोगों की बड़ी संख्या में मौत हुई है. अक्टूबर से जारी इस कार्रवाई को लेकर इस्राएल पर काफी अंतरराष्ट्रीय दबाव भी है. ऐसे में माना जा रहा है कि लेबनान पर हमला, इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू की मुश्किलें और बढ़ाएगा. आशंका है कि हमास के मुकाबले कहीं ज्यादा ताकतवर हिज्बुल्लाह के साथ बड़ी लड़ाई एक बड़े युद्ध का रूप ले सकती है और इसमें अन्य देश भी कूद सकते हैं. एर्दोवान की चेतावनी ऐसी आशंकाओं को ताकत दे चुकी है.
बेरूत के आसमान में फैला डर का साया
इन आशंकाओं के बीच जर्मनी की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी लुफ्थांसा ग्रुप ने बेरूत आने जाने वाले पांच रूट्स निलंबित कर दिए हैं. इन पांच रूट्स पर ग्रुप की स्विस इंटरनेशनल एयरलाइंस, यूरोविंग्स और लुफ्थांसा एयरलाइंस फ्लाइटें उड़ान भरती हैं. इस फैसले को "अत्यधिक सावधानी बरतने" वाला कदम बताया गया है. निलंबन 30 जुलाई तक जारी रहेगा.
लेबनान की मिडिल ईस्ट एयरलाइंस (एमईए) ने बेरूत एयरपोर्ट से जुड़ी उड़ानें रद्द या निलंबित होने की जानकारी दी है. एमईए के मुताबिक, इस्राएल और शिया हथियारबंद राजनीतिक गुट हिज्बुल्लाह के बीच बढ़ते तनाव को देखकर यह कदम उठाया गया है. तुर्की, ग्रीस और इथियोपिया की एयरलाइन कंपनियों ने अपनी कुछ उड़ानें निलंबित की हैं.
हिंसक संघर्ष वाले इलाकों में जोखिम का अनुमान लगाने वाली संस्था सेफ एयरस्पेस ने लेबनान, इस्राएल और सीरिया के वायु क्षेत्र को रिस्क जोन में डाला है. सेफ एयरस्पेस के मुताबिक, इन इलाकों में गलती से यात्री विमानों को निशाना बनाया जा सकता है. ब्रिटेन और कनाडा ने आधिकारिक रूप से बेरूत एयरपोर्ट के लिए चेतावनी जारी की है. लेबनान में सिर्फ एक ही एयरपोर्ट है और वह भी राजधानी बेरूत में है.
ओएसजे/सीके रॉयटर्स, डीपीए, एएफपी)