हैदराबाद: तेलंगाना (Telangana) में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) को लेकर राजनीति चरम पर है. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले सभी प्रमुख पार्टिया सत्ता में आने का दावा कर रही है. चुनाव परिणाम के बाद पैदा होने वाली स्थिति से निपटने के लिए सभी बड़े दल के वरिष्ठ नेता जुगाड़ में जुट गए है. इसलिए वे छोटी पार्टियों से सीधे संपर्क करने का प्रयास कर रहे है. तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटों के लिए शुक्रवार यानि 7 दिसंबर को विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ, जिसके नतीजें 11 दिसंबर को आएंगे. भले ही चुनाव के परिणाम दो दिनों बाद राज्य की सत्ता का फैसला करेंगे, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए जनादेश मिलता नहीं दिख रहा है.
सूबे में बीजेपी, कांग्रेस और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) की पार्टी टीआरएस के बीच आरोप-प्रत्यारोप चरम पर है. एग्जिट पोल ने राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस, कांग्रेस-टीडीपी गठबंधन और बीजेपी में त्रिकोणीय मुकाबला होने का दावा किया है. वहीं कुछ एग्जिट पोल्स का कहना है कि टीआरएस दोबारा सत्ता में आ सकती है. लेकिन अंतिम नतीजे आने से पहले बीजेपी ने कहा है कि हम ही सत्ता में होंगे. दूसरी ओर कांग्रेस भी पीछे नहीं है. कांग्रेस के तमाम नेता तेलंगाना में बहुमत के साथ अपनी सरकार बनने की बात कर रहे है.
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने समय से पहले चुनाव कराने का विकल्प चुन कर एक बड़ा दांव चला था. सत्तारूढ़ टीआरएस को कड़ी चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने टीडीपी, तेलंगाना जन समिति और सीपीआई के साथ गठबंधन किया. जबकि टीआरएस और बीजेपी अपने-अपने दम पर चुनाव लड़ रही हैं.
कौन होगा सूबे का मुखिया?
के चंद्रशेखर राव-
तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के मुखिया और सूबे के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव दूसरी बार तेलंगाना के सीएम बन सकते है. के चंद्रशेखर राव तेलंगाना आंदोलन के दौरान बड़ा चेहरा बनकर उभरे थे. साल 2009 में उनके भूख हड़ताल के बाद ही केंद्र की यूपीए सरकार को अलग तेलंगाना राज्य बनाने को लेकर प्रस्ताव लाना पड़ा था.
दरअसल सूबे में मुख्यमंत्री की गद्दी के लिए राव का नाम सबसे उपर है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के लक्ष्मण ने बताया है कि तेलंगाना में उनकी पार्टी सरकार बनाने में खुद नाकाम होने पर टीआरएस का साथ देगी. इस बीच, टीआरएस के प्रवक्ता भानु प्रसाद ने कांग्रेस या बीजेपी की गठबंधन के प्रस्तावों पर साफ किया कि उनकी पार्टी को अकेले दम पर राज्य में बहुमत आएगा और वह किसी से गठजोड़ नहीं करने वाली है.
एस जयपाल रेड्डी-
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद से तेलंगाना में सीएम पद के दावेदार के तौर पर कांग्रेस के पुराने नेता एस जयपाल रेड्डी (S Jaipal Reddy) के नाम की चर्चा शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि अगर कांग्रेस जीती तो पहले अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एस जयपाल रेड्डी को तेलंगाना की कमान दे सकती है. अगर बात नहीं बनी तो उसके बाद ही किसी और को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा.
एन उत्तम कुमार रेड्डी-
तेलंगाना में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता एन उत्तम कुमार रेड्डी (N Uttam Kumar Reddy) का नाम विपक्ष की तरफ से मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार के तौर पर शुमार है. चार बार से विधायक उत्तम कुमार रेड्डी हुजूरनगर से चुनाव लड़ रहे हैं. उत्तम कुमार रेड्डी तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष भी है. तेलंगाना में उनकी छवि अच्छी है और लोगों के बीच रहने वाले नेता के रूप में पहचाने जाते है. कांग्रेस राज्य इकाई में सबसे उंचा कद रखने वाले उत्तम कुमार रेड्डी ने अपनी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को 119 सीटों में से 80 पर सफलता मिलने की उम्मीद जताई है.
बता दें कि साल 2014 के चुनाव में बीजेपी-टीडीपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था और उसने कुल 119 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी. राज्य में कुल 2.80 करोड़ मतदाता विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने जा रहे थे. इस चुनाव के लिए कुल 32,815 मतदान केंद्र बनाए गए थे. तेलंगाना विधानसभा चुनाव मूल रूप से अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ होना था लेकिन राज्य कैबिनेट की सिफारिश के मुताबिक 6 सितंबर को विधानसभा भंग कर दी गई थी.