हमारा सिस्टम बर्बाद हो गया... इमिग्रेशन पॉलिसी में हुई बड़ी गलती; जस्टिन ट्रूडो ने मानी अपनी चूक
Justin Trudeau | Facebook

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी में हुई चूकों को स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने उन खामियों को नजरअंदाज किया, जिनका फायदा फर्जी कॉलेजों और बड़ी कंपनियों ने उठाया. यह बयान ऐसे समय में आया है जब ट्रूडो अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले विपक्ष के निशाने पर हैं और उनकी लोकप्रियता घट रही है.

कनाडा में खालिस्तान के कई समर्थक हैं, लेकिन वे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते; जस्टिन ट्रूडो.

क्या बोले जस्टिन ट्रूडो

जस्टिन ट्रूडो ने अपने यूट्यूब चैनल पर जारी वीडियो संदेश में कहा: "पिछले दो सालों में हमारी जनसंख्या बहुत तेजी से बढ़ी है, जिससे आव्रजन सिस्टम बर्बाद हो गया है." इस स्थिति को सुधारने के लिए, सरकार ने अगले तीन सालों तक कनाडा आने वाले इमिग्रेंट्स की संख्या घटाने का निर्णय लिया है.

इमिग्रेशन पॉलिसी में क्या हुई गड़बड़ियां?

कनाडा की इमिग्रेशन पॉलिसी का उद्देश्य था देश में जनसंख्या और कार्यबल को बढ़ावा देना. लेकिन इसकी खामियों ने फर्जी कॉलेजों और कंपनियों को अपने फायदे के लिए इस सिस्टम का दुरुपयोग करने का मौका दिया.

कई विदेशी छात्र ऐसे कॉलेजों में दाखिला लेते हैं जो सिर्फ कागजों पर मौजूद हैं. ये संस्थान छात्रों से मोटी फीस लेते हैं लेकिन शिक्षा के नाम पर कुछ खास नहीं देते.

कंपनियों ने विदेशी श्रमिकों को सस्ते दामों पर नियुक्त करने के लिए इस पॉलिसी का उपयोग किया, जिससे स्थानीय कनाडाई नागरिकों को रोजगार के अवसर कम मिले.

इमिग्रेशन कोटा में होगी कटौती:

2025 तक स्थायी निवासियों की संख्या 4,85,000 से घटाकर 3,95,000 की जाएगी. 2025-26 तक विदेशी छात्रों और श्रमिकों की संख्या घटकर 4,46,000 होगी, जो 2023 में लगभग 8,00,000 थी. 2027 तक केवल 17,400 गैर-स्थायी निवासियों को स्वीकार किया जाएगा.

भारतीय छात्रों पर प्रभाव

भारत कनाडा में विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत है. वर्तमान में 4,27,000 भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे हैं. नई नीति के कारण भारतीय छात्रों के लिए कनाडा में शिक्षा और रोजगार के अवसर कम हो सकते हैं.

ट्रूडो पर विपक्ष का हमला

विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी ने ट्रूडो सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कनाडाई नागरिकों की जरूरतों को प्राथमिकता नहीं दी. आवास संकट, महंगाई और स्वास्थ्य सेवाओं में विफलता सरकार की नीतियों की नाकामी को दिखाती है.