
Tamil Nadu 3 Language Policy: तमिलनाडु की राजनीति में भाषा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है. अभिनेत्री से राजनेता बनीं रंजना नचियार ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा कि तीन भाषा प्रणाली (Trilingual System) का थोपना गलत है और इसे लागू करना उचित नहीं. इस बीच, एआईएडीएमके (AIADMK) के सांसद एम थंबीदुरई ने डीएमके (DMK) सरकार पर बड़ा आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि भाषा का मुद्दा चुनाव से पहले राजनीतिक फायदे के लिए उठाया जा रहा है.
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— Ranjana Natchiyaar (@RanjanaNachiyar) February 25, 2025
AIADMK सांसद का DMK पर हमला
मीडिया से बात करते हुए थंबीदुरई ने राज्य सरकार की नई शिक्षा नीति (NEP) पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार सीबीएसई (CBSE) स्कूलों को अनुमति देती है, जहां कई भाषाएं पढ़ाई जाती हैं, फिर हिंदी पर सवाल क्यों उठाए जाते हैं? अगर मुख्यमंत्री स्टालिन को हिंदी से इतनी दिक्कत है, तो उन्हें राज्य में सभी CBSE स्कूलों को बंद करने के लिए कहना चाहिए. जब CBSE स्कूल हैं, तो हिंदी भाषा और नई शिक्षा नीति अपने आप आएगी.
थंबीदुरई ने यह भी कहा कि डीएमके सरकार चुनाव से पहले वोट पाने के लिए भाषा की राजनीति कर रही है और असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटका रही है.
डीएमके का हिंदी विरोधी प्रदर्शन
सोमवार को डीएमके कार्यकर्ताओं ने तिरुचिरापल्ली (Trichy) में प्रदर्शन किया. उन्होंने तिरुची बस स्टैंड के पास पर्चे बांटे और जनता को त्रिभाषा नीति के खिलाफ जागरूक किया. डीएमके लंबे समय से तमिल भाषा की सुरक्षा को लेकर मुखर रही है. पार्टी का मानना है कि हिंदी को जबरदस्ती थोपने से तमिल संस्कृति और पहचान को नुकसान होगा.
डीएमके प्रवक्ता टीकेएस इलंगोवन ने इस नीति को शिक्षा के लिए नुकसानदायक बताया और केंद्र सरकार पर "धार्मिक विचारधारा" थोपने का आरोप लगाया.
चुनाव से पहले राजनीतिक तनातनी
तमिलनाडु में हिंदी भाषा को लेकर विवाद नया नहीं है, लेकिन चुनाव से पहले इस पर राजनीतिक दलों के बीच तनातनी तेज हो गई है. अब देखना यह होगा कि यह विवाद आगे क्या मोड़ लेता है.