Sushma Swaraj: सुषमा स्वराज का निधन, BJP की वो कद्दावर नेता,जो 25 वर्ष की उम्र में बनी थीं कैबिनेट मंत्री, जानें उनका राजनीतिक सफर
सुषमा स्वराज (Photo Credits-PTI)

नई दिल्ली. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का मंगलवार रात निधन हो गया. उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद एम्स (AIMS) में भर्ती किया गया था. बताया जा रहा है कि उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वे पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रही थीं. वह 67 साल की थीं. सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj)  भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) की वरिष्ठ नेताओं में से एक थीं और बीजेपी की महिला नेताओं में अग्रणी स्थान रखती थीं.

सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने 2019 का लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) नहीं लड़ा था. स्वराज ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. सुषमा स्वराज ने 2009 और 2014 में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा से चुनाव जीतकर सांसद बनी थीं.  यह भी पढ़े-सुषमा स्वराज का निधन, दिल्ली के एम्स अस्पताल में ली आखिरी सांस

इससे पहले सुषमा (Sushma Swaraj) ने कश्मीर मुद्दे पर फैसले के लिए तीन घंटे पहले ही मोदी को बधाई देता ट्वीट किया था.

जानिए पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का राजनीतिक सफर-

बता दें कि सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने सबसे पहला चुनाव 1977 में लड़ा. तब वे 25 साल की थीं. वे हरियाणा की अंबाला सीट से चुनाव जीतकर देश की सबसे युवा विधायक बनीं. उन्हें हरियाणा की देवीलाल सरकार में मंत्री भी बनाया गया. इस तरह वे किसी राज्य की सबसे युवा मंत्री रहीं.

1998 में दिल्ली की पहली महिला सीएम बनीं.

जानकारी के अनुसार नब्बे के दशक में सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गईं. पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया. 1998 में उन्होंने अटलजी की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. हालांकि, इसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा हार गई। पार्टी की हार के बाद सुषमा ने विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी और राष्ट्रीय राजनीति में लौट आईं.

गौरतलब कि 1996 में हुए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में सुषमा (Sushma Swaraj) दक्षिण दिल्ली से सांसद बनी थीं. इसके बाद 13 दिन की अटलजी की सरकार में उन्हें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया. इसके साथ ही 1999 में उन्होंने बेल्लारी लोकसभा सीट पर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन वे यहां हार गईं.

2014 से 2019 तक देश की विदेश मंत्री रहीं.

बता दें कि सुषमा स्वराज 2009 और 2014 में विदिशा से लोकसभा चुनाव जीतीं. 2014 से 2019 तक वे विदेश मंत्री रहीं और दुनियाभर में भारतीयों को उन्होंने एक ट्वीट पर मदद मुहैया कराई. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों के चलते 2019 का लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) नहीं लड़ने का फैसला किया था.