मध्य प्रदेश में चढ़ा सियासी पारा: शिवराज बोले सरकार गिरी तो हम नहीं होंगे जिम्मेदार, कांग्रेस ने पलटवार में कहा बीजेपी को लेने पड़ेंगे 7 जन्म
शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ (Photo Credits: IANS)

भोपाल: कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस (Congress) और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) की कुमारस्वामी सरकार का मंगलवार को सूपड़ा साफ़ हो गया. कुमारस्वामी की सरकार 14 महीने में ही गिर गई, इसके लिए कांग्रेस और जेडीएस दोनों दल एक सुर में बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रहे है. इस बीच मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भी सियासी पारा चढ़ गया है. दरअसल कर्नाटक में गठबंधन की सरकार गिरते ही बीजेपी के दिग्गज नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया. उन्होंने सूबे की कांग्रेस सरकार के अगले पांच साल तक टिके रहने को लेकर आशंका जताई है.

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौहान ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान कहा कि अगर मध्य प्रदेश में कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार गिरती है तो इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार नहीं होगी. उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार में काफी आंतरिक मतभेद हैं और ऐसे में सरकार के गिरने का पूरा दोष कांग्रेस के उपर ही जाएगा और वो खुद जिम्मेदार होगी.

उधर, कांग्रेस ने भी शिवराज के इस बयान पर बिना समय गंवाए पलटवार किया. कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि बीजेपी को हमारी सरकार में परेशानियां पैदा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. लेकिन यह कमलनाथ सरकार है, कुमारस्वामी नहीं और इस सरकार में बीजेपी को हॉर्स ट्रेडिंग करने के लिए सात जन्‍म लेने पड़ेंगे.

गौरतलब हो कि राज्य में कमलनाथ की सरकार अल्पमत वाली है, क्योंकि राज्य विधानसभा के 230 सदस्यों में से कांग्रेस के 114 सदस्य हैं जबकि बीजेपी के 109 है. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के दो, समाजवादी पार्टी के एक और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से यह सरकार चल रही है. हालांकि बहुमत के लिए 116 विधायकों का समर्थन होना जरुरी है.

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बताया जाता है कि मौजूदा सरकार को बाहर से समर्थन देने वाले सभी विधायक मंत्री बनना चाहते हैं. इसमें बीएसपी विधायक रामबाई भी मंत्री बनने को आतुर हैं. लिहाजा, वह सरकार पर तो हमला बोलती रहती हैं, मगर मुख्यमंत्री कमलनाथ की तारीफ भी करती हैं. इसी को मुद्दा बनाकर बीजेपी अक्सर राज्य सरकार पर जुबानी हमला करती है.