हाल ही उत्तराखंड (Uttarakhand) की बागडोर संभालने वाले मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं. दरअसल, मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान सीएम रावत ने कहा था कि संस्कारों के अभाव में युवा (Youth) अजीबोगरीब फैशन (Fashion) करने लगे हैं और घुटनों पर फटी जींस (Ripped Jeans) पहनकर खुद को बड़े बाप का बेटा समझते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि आजकल के बच्चे बाजार में घुटनों पर फटी जींस खरीदने जाते हैं और अगर फटी न मिले तो उसे कैंची से काट लेते हैं. सीएम रावत के इस बयान पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत (Harish Rawat) ने पलटवार किया है.
हरीश रावत ने गुरुवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री को उत्तराखंड के विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए. कहां वे जींस और आज के फैशन पर टिप्पणी करने लगे हैं. महिलाओं को इतनी स्वतंत्रता तो दीजिए कि वे अपनी पसंद के कपड़े पहन सके. आप उसपर सीख देने लगे हैं. यह भी पढ़ें- Uttarakhand: फटी जींस पहनने वाली महिलाएं क्या संस्कार देंगी, सीएम तीरथ सिंह रावत के बयान की कांग्रेस और आप ने की निंदा.
ANI का ट्वीट-
मुख्यमंत्री को उत्तराखंड के विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए। कहां वे जींस और आज के फैशन पर टिप्पणी करने लगे हैं। महिलाओं को इतनी स्वतंत्रता तो दीजिए कि वे अपनी पसंद के कपड़े पहन सके। आप उसपर सीख देने लगे हैं: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत https://t.co/Tf7yl4ZIFn pic.twitter.com/vwztP6gZER
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2021
उधर, तीरथ सिंह रावत के इस बयान पर कई अन्य नेता और हस्तियां अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रिप्ड जींस में तस्वीर शेयर की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'सोच बदलो मुख्यमंत्री रावत जी, तभी देश बदलेगा.'
प्रियंका चतुर्वेदी का ट्वीट-
Ripped Jeans aur Kitab.
The country’s ‘sanskriti’ & ‘sanskaar’ are impacted by men who sit and judge women and their choices. Soch badlo Mukhyamantri Rawat ji, tabhi desh badlega. #RippedJeansTwitter pic.twitter.com/qYXcN88fY6
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) March 18, 2021
वहीं, समाजवादी पार्टी से सांसद जया बच्चन ने कहा कि इस तरह के बयान एक मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देते हैं. उच्च पदों पर रहने वालों को सोच-समझकर सार्वजनिक बयान देना चाहिए. आप आज के समय में ऐसी बातें कह रहे है, आप कपड़ों के आधार पर तय करेंगे कि कौन सुसांस्कृतिक है और कौन नहीं! यह बुरी मानसिकता है और ऐसे बयान महिलाओं के खिलाफ अपराधों प्रोत्साहित करते हैं.