राफेल डील: शिवसेना का मोदी सरकार पर बड़ा हमला, राउत ने राफेल को बताया 'बोफोर्स का बाप'
संजय राउत (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: राफेल डील (Rafale Deal)विवाद पर घिरी हुए मोदी सरकार के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर हमला कर रही थीं, अब बीजेपी के सहयोगियों ने भी उनपर निशाना साधना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में अब शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने रविवार को राफेल सौदे को ‘‘बोफोर्स का बाप’’ करार दिया और कहा कि इस सौदे के खिलाफ बार-बार बोलने से देश की राजनीति में राहुल गांधी का महत्व बढ़ा है.

ज्ञात हो कि पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में राउत ने कहा कि जिन लोगों ने बोफोर्स सौदे में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के रिश्तेदार पर 65 करोड़ की घूस लेने का आरोप लगाया था वे अब सत्ता में हैं. ‘‘आज उन पर राफेल विमान सौदे में 700 करोड़ रूपये की घूस लेने का आरोप है. राफेल बोफोर्स का बाप है.’’ यह भी पढ़े-राफेल डील: अभिनेता कमल हासन का बयान, कहा-हम आरोप नहीं लगा रहे, बस शक कर रहे

सौदे पर फ्रांस्वा ओलांद के दावों को लेकर BJP पर निशाना साधते हुए शिवसेना सांसद ने हैरानी जताई की पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति को कांग्रेस अध्यक्ष का समर्थक कहा जाएगा या एक ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ करार दिया जाएगा. यह भी पढ़े-राफेल डील: फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के खुलासे के बाद राहुल बोले - पीएम ने देश को धोखा दिया, सैनिकों की शहादत का अपमान किया

गौरतलब है कि फ्रांसीसी मीडिया की एक रिपोर्ट में 21 सितंबर को ओलांद के हवाले से कहा गया था कि भारत सरकार ने राफेल (Rafale Deal) के निर्माता दसॉल्ट एविएशन को 58,000 करोड़ रूपये के इस सौदे में रिलायंस डिफेंस का ऑफसेट साझेदार बनाने का प्रस्ताव दिया था और फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था.

शिवसेना नेता ने कहा, ‘‘सवाल यह नहीं है कि अनिल अंबानी (Anil Ambani) को युद्धक विमान बनाने का अनुबंध दिया गया बल्कि प्रत्येक विमान के लिये 527 करोड़ रूपये के मूल्य के बजाए मोदी सरकार के कार्यकाल में यह सौदा 1570 करोड़ रूपये में किया गया. इसका मतलब बिचौलिये को प्रति विमान करीब 1,000 करोड़ रूपये की दलाली मिली.’’ यह भी पढ़े-राफेल डील: राहुल का PM मोदी पर बड़ा हमला, कहा- जिस अफसर ने चोरी से रोका, ठगों के सरदार ने उसको ठोका

राउत ने आगे कहा, ‘‘यही आरोप बोफोर्स सौदे (1980 के दशक के आखिरी वर्षों में) के दौरान कांग्रेस के खिलाफ लगाए गए थे. क्या तब इससे पाकिस्तान (Pakistan) की मदद नहीं हो रही थी? जो सत्ता में हैं वे बोफोर्स को एक घोटाला मानते हैं...हालांकि वे यह मानने को तैयार नहीं कि राफेल भी एक घोटाला है.’’