प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) ने लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के बीच में कांग्रेस (Congress) पार्टी छोड़ दी है? हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता के इस्तीफा देने के बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है लेकिन उनका ट्विटर (Twitter) बायो रातोंरात बदल गया है. प्रियंका चतुर्वेदी के ट्विटर बायो में अब 'INC National Spokesperson' का पदनाम नहीं है. वास्तव में, अब उनके ट्विटर प्रोफाइल में कांग्रेस पार्टी का कोई जिक्र नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रियंका चतुर्वेदी ने एआईसीसी का व्हाट्सएप ग्रुप भी छोड़ दिया है. माना जा रहा है कि प्रियंका चतुर्वेदी ने ऐसा कांग्रेस पार्टी के साथ अपनी नाराजगी को लेकर किया है.
इससे पहले 17 अप्रैल को प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने साथ कथित तौर पर बदसलूकी करने वाले मथुरा के कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई निरस्त किए जाने का विरोध करते हुए दावा किया था कि ऐसे लोगों को प्राथमिकता दिए जाना दुख की बात है. प्रियंका ने ट्वीट कर कहा था, ‘बड़े ही दुख की बात है कि पार्टी खून-पसीना देकर काम करने वालों की बजाय मारपीट करने वाले गुंडों को अधिक वरीयता देती है. पार्टी के लिए मैंने अभद्र भाषा से लेकर हाथापाई तक झेली, लेकिन फिर भी जिन लोगों ने मुझे पार्टी के अंदर धमकी दी, उनके साथ कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं.' यह भी पढ़ें- प्रियंका चतुर्वेदी कांग्रेस आलाकमान के फैसले से हुई खफा, कहा- पार्टी में मिली गुंडों को ज्यादा अहमियत
Deeply saddened that lumpen goons get prefence in @incindia over those who have given their sweat&blood. Having faced brickbats&abuse across board for the party but yet those who threatened me within the party getting away with not even a rap on their knuckles is unfortunate. https://t.co/CrVo1NAvz2
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) April 17, 2019
दरअसल, पिछले दिनों प्रियंका चतुर्वेदी राफेल मामले पर संवाददाता सम्मेलन करने के लिए मथुरा में थीं जहां पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके साथ कथित तौर पर बदसलूकी थी. उनकी शिकायत पर इन कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. बाद में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कार्यकर्ताओं द्वारा खेद प्रकट करने के बाद उनके खिलाफ अनुशास्नात्मक कार्रवाई को निरस्त किया जा रहा है.